
जयपुर. राजस्थान में बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। हालात इस कदर हो चुके हैं कि हाल ही में कर्मचारी चयन बोर्ड के द्वारा निकाली गई 53 हजार 749 पदों के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और ड्राइवर की भर्ती में अब तक लाखों आवेदन आ चुके हैं। इनमें इंजीनियरिंग और एमबीए कर चुके कई बेरोजगार भी शामिल है। जबकि इस पद के लिए आवेदक का दसवीं पास होना जरूरी है।
अब तक इस भर्ती के लिए दसवीं पास करने वाले 2 लाख से ज्यादा, 12वीं पास करने वाले 3 लाख से ज्यादा, 3 लाख से ज्यादा ग्रेजुएट, 87 हजार से ज्यादा पोस्ट ग्रेजुएट और करीब 42 हजार से ज्यादा डिप्लोमाधारी आवेदकों ने आवेदन किया है।
इस मामले में कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज बताते हैं कि युवाओं के लिए अब नौकरी का पद मायने नहीं रखता। सबको स्थायित्व चाहिए। सामाजिक मान-सम्मान चाहिए। जो केवल सरकारी नौकरी में ही मिलता है। युवाओं को लगता है कि प्राइवेट कंपनियों में वेतन भी कम मिलता है जबकि भविष्य भी सुरक्षित नहीं है। वही सरकारी नौकरी में भले ही वेतन कम हो लेकिन फ्यूचर सुरक्षित रहता है।
बेरोजगार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान ने बताया कि राजस्थान ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा की तैयारी करवाने वाले कोचिंग संस्थान अब चतुर्थ श्रेणी भर्ती के सिलेबस को भी पढ़ा रहे हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी परीक्षा के लिए बकायदा अलग से बैच चलाए जा रहे हैं।
इसके जरिए सामान्य ज्ञान, गणित और रिजनिंग जैसे सब्जेक्ट की तैयारी करवाई जा रही है। जिससे कि युवा उनकी तैयारी करके नौकरी लग सके। वही आपको बता दें कि राजस्थान में मौजूदा समय में करीब 2 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगारी भत्ता ले रहे हैं। रोजगार विभाग में 17 लाख शिक्षित युवा रजिस्टर्ड है।
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