कोटपूतली (राजस्थान). कोटपूतली के किरतपुरा की ढाणी बडियावाली में बोरवेल में गिरी तीन वर्षीय बालिका चेतना को बाहर निकालने के लिए प्रशासन और बचाव दल का रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार 10वें दिन भी जारी है। चेतना करीब 150 फीट की गहराई पर फंसी हुई है, और उसे बचाने के लिए बचाव टीम दिन-रात मेहनत कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि अब बोरवेल की सही लोकेशन का पता चल गया है, जिससे उम्मीद है कि चेतना को जल्द बाहर निकाल लिया जाएगा। लेकिन शर्मनाक बात यह है कि रेस्क्यू टीम जिस सुंरग में बच्ची को तलाश रहे थे वह वहां थी ही नहीं।
रेस्क्यू अभियान में सबसे बड़ी चुनौती सुरंग की खुदाई की दिशा रही। विशेषज्ञों की सलाह के बाद सुरंग की खुदाई शुरू की गई थी, लेकिन कई दिनों की मेहनत के बावजूद टनल की दिशा सही नहीं रही। इसका कारण पुराने बोरवेल की गहराई और उसकी जटिल स्थिति को बताया जा रहा है। अब सुरंग की चौड़ाई बढ़ाकर नई दिशा में खुदाई की जा रही है।
चेतना के परिजनों और गांव वालों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। परिवार लगातार प्रशासन से यही पूछ रहा है कि आखिर कब उनकी बच्ची को बाहर निकाला जाएगा। रेस्क्यू टीम का कहना है कि सुरंग की खुदाई में दिशा भ्रम और तकनीकी समस्याओं के कारण देरी हो रही है, लेकिन टीम का हर सदस्य पूरी ईमानदारी से काम कर रहा है।
अब टनल की सीधी खुदाई के साथ-साथ दायीं और बांयी ओर भी सुरंग का दायरा बढ़ाया जा रहा है। जीपीआर तकनीक की मदद से चेतना की सही लोकेशन का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। विशेषज्ञ अब सुरंग के व्यास को बढ़ाकर हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल में पुलिस और एंबुलेंस की पूरी व्यवस्था की गई है। जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन का हर अधिकारी और कर्मचारी बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है। "हम सबकी उम्मीद अभी कायम है," ।
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