सार

मध्य प्रदेश के गुना में 10 साल का बच्चा बोरवेल में गिर गया। 24 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे सकुशल बाहर निकाला गया। बच्चा पतंग उड़ाते समय बोरवेल में जा गिरा था।

गुना/जयपुर. देशभर से आए दिन बोरवेल में बच्चों के गिरने की खबरें आ रही हैं। राजस्थान में एक तीन साल की बच्ची चेतना एक सप्ताह से 700 फीट गहरे बोरवेल में भूखी-प्यासी फंसी है। तमाम रेस्क्यू के बाद भी उसे नहीं निकाला जा सका है। इसी बीच मध्य प्रदेश क गुना जिले के राघौगढ़ में बोरवेल में गिरे 10 साल के बच्चे को 24 घंटे के अंदर बाहर निकाल लिया गया है। मौत के मुंह से निकला मासूम फिलहाल अस्पताल में भर्ती है।

पतंग उड़ाते वक्त बोरवेल में जा गिरा मासूम

दरअसल, राघौगढ़ के पीपल्या गांव का रहने वाला सुमित मीणा नाम का बच्चा कल दोपहर करीब 3 बजे पतंग उड़ाते वक्त बोरवेल में गिर गया था। इस घटना के बाद गांव में हड़कंप मचा गया और सैंकड़ों लोग जमा हो गए। बच्चे का सिर बोरवेल से दिखाई दे रहा था। जिसके बाद लोगों ने पुलिस को मामले की सूचना दी और रेस्क्यू टीम को बुलाया गया। रात को ही जेसीबी और पोकलेन मशीन से खुदाई शुरू की गई।

गुना में  रेस्क्यू टीम ने ऐसे बच्चे को बोरवेल से निकाला

बजे बोरवेल में गिर गया था। जैसे ही हमें सूचना मिली तो हमने रेस्क्यू टीम को बुलाया और जेसीबी मशीनों से सुबह तक बोरवेल के समानांतर एक गहरा गड्‌ढा खोदा। जिसके बाद एनडीआरएफ ने गड्‌ढे से बोर तक हाथ से टनल बनाई। फिर बोरवेल में कैमरा डालकर देखा तो बच्चा नजर आ रहा था। बोरवेल करीब 140 फीट गहरा है, लेकिन बच्चा 35 फीट पर अटका था। सुबह तक हमने उसे निकाल लिया। बच्चे की हालत नाजुक बताई जा रही है, उसे अस्पताल ले जाया गया है।

राजस्थान में 7 दिन से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

वहीं अगर राजस्थान के कोपूतली हादसे की बात तो तीन साल की बच्ची चेतना 7 दिन से 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी है। कई दिन से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। हरियाणा और दिल्ली से स्पेशल आपदा वाली मशीनें बुलाकर लगाई गई हैं। लेकिन अभी तक बच्ची बाहर नहीं निकल सकी है। वहीं इस पूरे मामले में रेस्क्यू ऑपरेशन इंचार्ज कमांडर का दावा है कि जल्द ही चेतना को निकाल लेंगे।