राजस्थान के विधानसभा चुनाव में अब महज 5 महीने से भी कम का समय बचा हुआ है। एक बार फिर सत्ता में आऩे के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस साल मुफ्त योजनाओं की बाढ़ ला दी है। मोबाइल-लैपटॉप के बाद अब फ्री में स्कूटर बांटे जा रहे हैं।
जयपुर. राजस्थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान सरकार बड़ी-बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है । इसी तरह की एक योजना है स्कूटी वितरण योजना..... मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिव्यांग लोगों के लिए यह योजना लाए हैं और इसमें करीब 5000 से ज्यादा दिव्यांग लोगों को स्कूटी बाटी जा रही है। बताया जा रहा है कि संख्या को बढ़ाने की तैयारी चल रही है और आचार संहिता लगने से पहले कुछ अन्य दिव्यांग लोगों को भी स्कूटर बांटे जा सकते हैं ।
इस योजना में राजस्थान बांट रही इतने स्कूटर
दरअसल, राजस्थान में मुख्यमंत्री दिव्यांग स्कूटर योजना चल रही है , इस योजना में पहले 2000 स्कूटर दिव्यांग लोगों को बांटे जाने थे, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़ाकर 5000 कर दी गई है और बताया जा रहा है कि 5000 से भी और ज्यादा यह संख्या बढ़ाने की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री का कहना है कि दिव्यांग लोग जो आगे बढ़ना चाहते हैं , सरकारी और निजी ऑफिस में जाकर काम करना चाहते हैं, उनके लिए यह योजना शुरू की गई है ।
स्कूटर लेने के लिए साथ लगेंगे यह दस्तावेज
इस योजना के तहत दिव्यांग प्रमाण पत्र देना होगा, जिसमें 50% से ज्यादा दिव्यांगता होना आवश्यक है । दिव्यांग प्रमाण पत्र के अलावा आधार कार्ड, पैन कार्ड, दिव्यांग प्रमाण पत्र , बैंक की डिटेल, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर समेत अन्य कुछ सरकारी दस्तावेज जमा कराने होंगे।
15 से 29 साल के दिव्यांगों को पहले मिलेगा योजना का लाभ
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना में पहले 15 से 29 साल के दिव्यांगों को चुना गया है। इसमें संख्या पूरी होने के बाद 30 साल से 45 साल तक के दिव्यांगों को चुना जा रहा है । अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के लिए आवेदन करने वाले लोग राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर दिव्यांग स्कूटी योजना पर अपनी डिटेल भर सकते हैं । ऑनलाइन आवेदन करने के बाद सरकार ड्र निकालती है अगर संख्या स्कूटर से ज्यादा होती है तो।
प्रसाद की तरह सब मुफ्त में बांट रही राजस्थान सरकार
अगर संख्या कम होती है तो सभी को स्कूटर दे दिए जाते हैं । उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार ने इस साल मुफ्त योजनाओं की बाढ़ ला दी है और इन मुफ्ती योजनाओं के कारण राजस्थान सरकार पर हजारों करोड रुपए का अतिरिक्त भार पड़ रहा है।