
झालावाड़। जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है। सरकार की ओर से बसाई गई 372 मकानों की एक पूरी कॉलोनी ही चोरी हो गई है। कुछ महीने पहले तक वहां मकान बने हुए थे, अब वहां जाने पर देखें तो मकान क्या नींव तक के पत्थर गायब हो गए हैं। पत्थर कौन ले गया, बिल्डिंग कहां गई। इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है। यह सरकारी योजना सरकारी विभाग हाउसिंग बोर्ड की ओर से लाई गई थी।
2013 में लॉन्च की थी घरौंदा अफोर्डेबल योजना
शहर से दूर स्थित अकलेरा क्षेत्र में वर्ष 2013 में हाउसिंग बोर्ड ने घरौंदा अफोर्डेबल योजना लॉन्च की थी। इस योजना में अस्सी प्रतिशत तक मकान नहीं बिके, जबकि योजना में बनाए गए मकान कम दाम के थे। शहर से दूरी होने के कारण लोगों ने इस प्रोजेक्ट में कुछ खास रुचि नहीं दिखाई। उसके बाद साल 2021 में सरकार ने इस योजना में करीब चालीस फीसदी तक की छूट दे दी यानि लगभग आधे दामों में मकान बेच दिए। उसके बाद सारे मकान बिक भी गए।
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जनवरी तक बने हुए थे मकान
इस साल जनवरी तक वहां मकान बने हुए थे। जयपुर के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने रिश्तेदार की मदद से मकान लिया था। जनवरी में वे अपना मकान संभाल कर आए थे। मकान वहां मौजूद था और साथ ही 371 मकान और बने हुए थे।
अब सिर्फ मलहा ही मलबा
कुछ दिनों पहले जब एक मकान का मालिक वहां गया तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई। जहां पूरी कॉलोनी बसी थी वहां अब सिर्फ मलबा पड़ा है। कुछ दिन पहले जब वहां गए तो सिर्फ मलबा ही मिला। नींव तक खोद दी गई थी और पत्थर भी निकाल लिए गए थे। पता चला रातों रात ही पूरा खेल हो गया। जब वहां हाउसिंग बोर्ड के ऑफिस गए तो पता चला कि वहां स्टाफ ही नहीं है। अब जयपुर हैड क्वाटर पर शिकायत दी गई है।
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