राजस्थान में बिना CM फेस के चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, दिल्ली में इन 4 मुद्दों पर एक हुए गहलोत-पायलट

Rajasthan Elections 2023: राजस्थान के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी हैं। आज दिल्ली में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच का विवाद भी सुलझा लिया गया है। आने वाला चुनाव राजस्थान में बिना सीएम चेहरे का लड़ा जाएगा।

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस ने बड़े स्तर पर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है । दिल्ली में हुई बैठक के बाद अब यह निर्णय ले लिया गया है कि पार्टी सितंबर में टिकट का वितरण कर देगी। बताया जा रहा है कि आज दिल्ली में जो बैठक हुई है वह आखिरी बैठक है । इसके बाद अब चुनावों को लेकर ही बैठक होगी , आपसी मनमुटाव और खींचतान को लेकर अब कोई बैठक नहीं होगी । आज हुई बैठक में कई बातों पर चर्चा हुई , लेकिन फिलहाल उन्हें गोपनीय रखा गया है । इनमें चार अहम मुद्दे हैं।

राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस का कोई सीएम चेहरा नहीं होगा

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सबसे बड़ा मुद्दा बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस बार भारतीय जनता पार्टी की तरह ही चुनाव का आगाज करेगी यानि इस बार राजस्थान में सीएम का कोई चेहरा नहीं होगा। यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को टेंशन देने वाली खबर हो सकती है और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के लिए अच्छी खबर साबित हो सकती है । इस बैठक में और भी कई मुद्दों पर चर्चा हुई है । जिनमें टिकट का मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण रहा।

मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने लिया फैसला

पार्टी टिकट बांटने में जरा भी कोताही नहीं बरतने वाली। सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि उम्मीदवारों को ही टिकट दिए जाएंगे जो पार्टी को जीता सकने में सक्षम होंगे । मीटिंग के दौरान ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि राजस्थान का वर्तमान एवं भविष्य दोनों कांग्रेस के हाथ में है, हमें मिलजुल कर आगे बढ़ना है । इस बैठक में राजस्थान से करीब 30 नेताओं को बुलाया गया था। जिनमें प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत अन्य नेता शामिल है। इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्चुअल शामिल हुए थे, उनके दोनों पैरों में प्लास्टर बंधा होने के कारण वह दिल्ली नहीं जा सके ।

दिल्ली में इन चार मुद्दों पर हुआ फैसला

मीटिंग में जो फैसले सर्व सहमति से बने उनमें यह चार फैसले सबसे अहम है , पहला मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं होगा। दूसरा राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए नए नियम बनाए जाएंगे । तीसरा टिकट जिताऊ उम्मीदवारों को ही दिया जाएगा और चौथा अब राजस्थान में चुनाव से पहले पार्टी के नेता किसी भी तरह की कोई भी बयानबाजी नहीं करेंगे। उल्लेखनीय है कि यह बैठक सचिन पायलट को राहत देने वाली साबित हुई है, क्योंकि सचिन पायलट ने पार्टी से जो मांगे की थी ,उनमें से काफी मांगे पार्टी ने मान ली है।

 

यह भी पढ़ें-महाराष्ट्र के बाद राजस्थान में सियासी उठापटक: सचिन पायलट नहीं बन जाएं अजित पवार, दिल्ली में कांग्रेस की बैठक

 

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