
जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर में साल 2008 में हुए सीरियल बम धमाकों से जुड़ी एक अहम कड़ी पर कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया है। 17 साल पुराने ज़िंदा बम मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। विशेष अदालत ने सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास का आदेश सुनाया। इससे पहले कोर्ट ने इन चारों आरोपियों को IPC की 4 धाराओं, UAPA की 2 धाराओं और विस्फोटक अधिनियम की 3 धाराओं के तहत दोषी ठहराया था। सोमवार को जारी 600 पन्नों के विस्तृत फैसले में कोर्ट ने इन अपराधों को समाज के लिए “गंभीर खतरा” करार दिया।
13 मई 2008 को जयपुर में आठ सिलसिलेवार धमाके हुए थे, जिनमें 71 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए थे। धमाकों के कुछ देर बाद चांदपोल बाजार से एक और बम बरामद हुआ था, जो ज़िंदा था। सुरक्षा बलों ने उस बम को समय रहते डिफ्यूज कर सैकड़ों जानें बचा ली थीं।
अदालत ने ठुकराई राहत की मांग विशेष न्यायाधीश रमेश कुमार जोशी ने सजा सुनाते हुए कहा, "सबसे बड़ा न्यायालय इंसान का अंतर्मन होता है। सजा इसलिए हुई क्योंकि गुनाह हुआ है।" सरकारी वकील ने भी कोर्ट से सख्त सजा की मांग करते हुए कहा था कि यह कोई सामान्य अपराध नहीं बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है।
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