
Rajasthan Emotional News : इंसानियत को झकझोर देने वाला दृश्य शनिवार को राजस्थान के डीडवाना जिले के बोरावड़ कस्बे से सामने आया। जहां एक नवजात को पॉलीथिन में लपेटकर झाड़ियों में फेंक दिया गया और उसके ऊपर एक भारी पत्थर रख दिया, ताकि किसी तरह उसकी मौत हो जाए। लेकिन कहते हैं, जब ईश्वर जिसकी रक्षा करता है तो कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इस नवजात के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। मासूम की सिसकियों ने राहगीरों को रुकने पर मजबूर कर दिया। आइए जानते हैं क्या है यह पूरा मामला…
गणेश डूंगरी क्षेत्र में सुबह टहल रहे कुछ ग्रामीणों ने जब बच्चे की रोने की आवाज सुनकर उसके पास जाकर देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। यहां एक नवजात कपड़े और पॉलीथिन लिपटा हुआ था, ऊपर से भारी पत्थर रखा हुआ था। ग्रामीणों ने बिना देर किए पत्थर हटाया और बच्चे को बाहर निकाला। चमत्कारिक रूप से वह बच्चा जिंदा था, सांसें चल रही थीं।
मामले की तुरंत ही पुलिस और बोरावड़ राजकीय चिकित्सालय को सूचना दी गई। ग्रामीण बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉ. सुनील कुमार विश्नोई ने उसका प्राथमिक इलाज शुरू किया। डॉक्टर ने बताया कि बच्चा जन्म के 2 से 3 घंटे के भीतर ही यहां छोड़ा गया था, लेकिन उसकी हालत स्थिर और स्वस्थ है। बेहतर इलाज के लिए उसे अजमेर अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
मकराना थाना प्रभारी सुरेश कुमार सोनी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया। आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि इस अमानवीय कृत्य को अंजाम देने वाले व्यक्ति की पहचान की जा सके।
इस घटना ने पूरे इलाके को भावुक कर दिया है। लोग पूछ रहे हैं क्या 9 महीने तक कोख में रखने के बाद कोई मां ऐसा कर सकती है? बच्चा अब बाल कल्याण समिति की देखरेख में रहेगा, लेकिन समाज के सामने कई सवाल छोड़ गया है यह मासूम।
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