
डूंगरपुर. खबर राजस्थान के डूंगरपुर जिले से है। जिले के एक गांव में लेपर्ड के मूवमेंट के बारे में खबर लेने पहुंचे मीडियाकर्मी का मौत से सामना हो गया। मीडियाकर्मी ने लेपर्ड की फोटो खींची तो लेपर्ड ने उस पर हमला कर दिया। जांच और पैर के पंजे को चबा ड़ाला। बाद में गांव वालों ने रस्सों की मदद से उसे काबू किया और बाद में वन विभाग वालों को सूचना दी। घटना डूंगरपुर के भादर वन क्षेत्र के गड़िया भादर मेतवाला गांव की है।
नील गाय और पेंथर के बीच जब हुई शिकारी लड़ाई
दरअसल गड़िया भादर गांव में तालाब के नजदीक एक पेंथर को देखे जाने के बारे में सवेरे सूचना आई। इस पर गांव में रहने वाले लोग वहां पहुंचे। वहां वास्तव में पेंथर था जो तालाब के नजदीक जंगल में नील गाय का शिकार करने के बाद उसे भोजन बना रहा था। इस दौरान गांव के में ही रहने वाला एक मीडियाकर्मी गुणवंत कलाल भी वहां आ पहुंचा।
पेंथर ने नील गाय का चबा डला पैर
गुणवंत ने पेंथर की कुछ पिक्चर्स खींची और बाद में वहां से जाने लगा। गांव के लोगों ने वन विभाग की टीम को बुला लिया। वन विभाग ने पेंथर को काबू करने का प्रयास किया तो पेंथर ने गुणवंत कलाल पर हमला कर दिया। वही सबसे नजदीक खड़ा था। उस पर हमला होते ही बाकि लोग वहां से फरार हो गए। ऐसे में गुणवंत ने बचने की कोशिश की तो पेंथर ने उसका पैर चबा डाला। उसके बाद उसकी जांघ दबोच ली और वहां गंभीर घाव कर दिए। दोनो के बीच संघर्ष चला। बाद में वन विभाग और गांव के लोगों ने पेंथर को रस्सों की मदद से काबू किया। अब उसे जंगलात में छोड़ा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि गर्मी के चलते अब जंगलों में भोजन और पानी की कमी होने के कारण पेंथर फिर से आबादी में एंट्री कर रहे हैं।
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