कोटा में छात्रों का सुसाइड करने का सिलसिला लगातार जारी है। अब फिर 5 घंटे में दो स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली। एशियानेट हिंदी ने शिक्षाविद और करियर काउंसलर अभिषेक खरे से बात की आखिर क्यों छात्र कर रहे हैं सुसाइड और क्या है इसका समाधान...
कोटा. शिक्षानगरी कोटा अब सुसाइड सिटी से बनती जा रही है। पिछले 5 पांच घंटे में दो स्टूडेंट्स ने मौत को गले लगाया है। एक छात्र ने टेस्ट देने के बाद कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग की छठबी मंजिल से कूदकर जान दे दी। वहीं दूसरे छात्र ने फांसी का फंदा बनाकर जीवन समाप्त कर लिया। इन दो घटनाओं के बाद अब हर किसी के मन में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कोटा भेजने वाले पैरेंट्स भी चिंतित हैं कि आखिर कोटा में यह क्या हो रहा है। वहीं कोटा के कलेक्टर ने आदेश निकाला है कि अब से संडे को छात्रों का कोई टेस्ट नहीं लिया जाएगा। एशियानेट हिंदी ने शिक्षाविद और करियर काउंसलर अभिषेक खरे से बात की और जाना आखिर क्यों छात्र कर रहे हैं सुसाइड और क्या है इसका समाधान...
कोचिंग की बिल्डिंग से कूदकर दी जान
पुलिस के मुताबिक मृतक आविष्कार संभाजी कासले (16) कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था। वह पिछले 3 साल से यहीं था। वह अपनी कोचिंग में टेस्ट देने के लिए गया था। टेस्ट देने के बाद अचानक कोचिंग की ही छठी मंजिल पर चला गया और वहां छलांग लगा दी। महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला था। वह यहां NEET की तैयारी कर रहा था। डेढ़ साल से उसकी नानी भी साथ रह रही थी। वह रविवार को रोड नंबर 1 स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट में टेस्ट देने के लिए आया था।
दूसरे स्टूडेंट ने अपने कमरे में आकर लगाई फांसी
वहीं सुसाइड करने वाले दूसरे छात्र का नाम आदर्श राज है, जिसने कासले की मौत के चार घंटे बाद ही फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। आदर्श प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला था। जैसे ही आदर्श की बहन और चचेरा भाई लगभग 7.30 बजे फ्लैट पर पहुंचे, तो अंदर से कमरा लॉक था। उन्होंने गेट खोला तो आर्दश का शव फंदे से लटक रहा था।
पढ़िए क्या है कोटा कलेक्टर का नया आदेश
कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने आदेश निकाला है कि अब रविवार के दिन छात्रों को रिलैक्स दिया जाएगा। रविवार के दिन किसी भी तरह की पढ़ाई नहीं होगी और ना ही किसी तरह के टेस्ट होंगे । फिलहाल यह आदेश अगले 2 महीने के लिए निकाल गया है और इस 2 महीने के दौरान यह आदेश अगर सही तरीके से काम करता है तो फिर हर संडे को कोटा कोचिंग संचालक टेस्ट नहीं ले पाएंगे। कलेक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि छात्रों पर पढ़ाई का प्रेशर ज्यादा है और यही कारण है कि सुसाइड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
अगस्त माह में यह आत्महत्या का 5वां और इस साल का 22वां मामला
आविष्कार संभाजी कासले और आदर्श राज की आत्महत्याओं के बाद अब कोटा में इस साल मरने वालों की संख्या 22 हो गई है। वहीं अगस्त माह में यह आत्महत्या का 5वां केस सामने आया है। सवाल यह उठता है कि इतनी दुखद घटनाओं का यह सिलसिला आखिर थम क्यों नहीं रहा है। आखिर छात्रों के इस कदम के पीछे आखिर कौन जिम्मेदार है। माता-पिता या फिर कोचिंग सेंटर, खैर जो भी हो लेकिन सभी पेरेंट्स शिक्षकों को इन बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर समय-समय पर ध्यान देना चाहिए।