12वीं की परीक्षा में बेटी के आए 91% नंबर, फिर भी परिवार ही नहीं पूरा मोहल्ला बहा रहा आंसू, वजह जान आपकी आंखे हो जाएंगी नम

राजस्थान के बूंदी शहर से ह्रदय विदारक खबर सामने आई है। शुक्रवार के दिन आरबीएसई का 12वीं का रिजल्ट घोषित किया है। जिसमें 25 दिन पहले सड़क हादसे में जान गंवाने वाली बेटी के 91 प्रतिशत अंक आए है। जिसने एक बार फिर परिवार के आंखों में आंसू ला दिए है।

बूंदी ( bundi news). राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शुक्रवार के दिन 12वीं कक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। इस रिजल्ट में बूंदी शहर में रहने वाली गुंजन के 91 फ़ीसदी नंबर आए हैं, लेकिन उसके बावजूद भी गुंजन के घर में चीख-पुकार और चित्कार मची हुई है। बेटी के इतने अच्छे नंबरों से पास होने की खुशी मनाने की जगह परिवार के लोग सिर्फ दुख के आंसू बहा रहे है।

ये है परिवार के इतना दुखी होने की वजह

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दरअसल 12 वीं क्लास में पढ़ने वाली गुंजन की 25 दिन पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी और अब उसका परीक्षा परिणाम सामने आया है। रिजल्ट देखने के बाद से ही परिवार में कोहराम मचा हुआ है। गुंजन और उसका परिवार बूंदी जिले के कापरेन कस्बे का रहने वाला है। खुशी की जगह उनकी आंखों में अपनी बेटी के खोने का गहरा दुख दिख रहा है।

अच्छे नंबर लाने पर पिता देने वाले थे सरप्राइज

गुंजन के पिता मुकेश ने बताया कि गुंजन मेरे साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती थी। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी गुंजन को परीक्षा में अच्छे नंबर लाने के बाद सरप्राइस गिफ्ट देने की तैयारी कर रहा था। लेकिन करीब 25 दिन पहले जब वह अपनी दोस्त किरण के साथ कोचिंग से लौट रही थी तो एक ट्रैक्टर ट्रॉली ने दोनों दोस्तों को टक्कर मार दी। किरण को मामूली चोट आई लेकिन गुंजन के ऊपर से ट्रैक्टर ट्रॉली निकल गई।

तोहफा दे पाते उससे पहले ही बेटी की गई जान

गुंजन के पिता ने बताया कि ट्रैक्टर की ट्रॉली चढ़ने के कारण बच्ची ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। गुंजन की मां गायत्री ने कहा कि बेटी जब भी कहती थी कि आपका नाम रोशन करूंगी, तो लगता था कि ईश्वर ने हमारी सुन ली है और होनहार बेटी दी है। वह शुरू से होशियार और मेधावी थी। उसका सपना आईपीएस बनना था और इसी सपने को पूरा करने के लिए वो दिन-रात मेहनत करती थी।

अब जब उसका परिणाम आया तो मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर , फिजिक्स में 100 मे सेवा 85 और केमिस्ट्री में 100 में से 92 नंबर आए हैं। गुंजन के पिता मुकेश आटो चलाते हैं। गुंजन के दो भाई और हैं जो पढ़ने के साथ-साथ काम भी करते हैं।

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