पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने लिखा- चार साल की बच्ची की चीखें पूरे प्रदेशवासियों के कानों में गूंज रही है। जब तक उसके अपराधी पकड़े नहीं जाते, तब तक यह गूंजती रहेगी। दरअसल, दौसा में एक इंस्पेक्टर ने 4 साल की बच्ची के साथ रेप किया है।
दौसा. पुलिसवाले ने पुलिसवाले की चार साल की बच्ची को बर्बाद कर दिया। परिवार खून के आंसू रो रहा है, बच्ची अपनी मां से पूछ रही है कि मां में कब ठीक होंगी...बहुत दर्द हो रहा है। मां के आंसू नहीं थम रहे हैं...वह बच्ची को गले से लगाए कल शाम से बस रोऐ जा रही है। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है। दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद अब बड़े बवाल की आहट है। सरकार तक यह मामला पहुंच चुका है, बड़ा एक्शन लेने की तैयारी की जा रही है।
नाइट ड्यूटी से लौटा था दरिंदा पुलिसवाला
दरअसल, दौसा जिले में कल दोपहर में चार साल की एक बच्ची का रेप किया गया। बच्ची के पिता जयपुर में एक पुलिस थाने में सिपाही हैं। वे गुरुवार देर रात काम पर आए थे और शुक्रवार सवेरे काम से वापस घर लौटे थे। उसके बाद सो गए। दोपहर में परिवार ने बताया कि चार साल की बेटी गायब है। किसी ने बताया कि वह एक आदमी के साथ देखी गई थी। पता चला कि वह एसआई है और उसका नाम भूपेन्द्र सिंह है। उसे राहुवास थाने में काम करने वाले एएसआई छोटे लाल के क्वाटर में जाते हुए देखा गया। भीड़ वहां पहुंची तो वहां पर बवाल हो गया। बच्ची रोती हुई खून से लथपथ मिली। बाद में पुलिसवाले को सड़क पर घसीट कर लाया गया और डंडों से बुरी तरह पीटा गया।
वसुंधरा राजे ने लिखा-मासूम चीखें पूरे प्रदेशवासियों के कानों में गूंज रही
इस मामले में एसआई को निलंबित कर दिया गया है। आज उसे अरेस्ट करने और जेल भेजने की तैयारी है। इस बीच परिवार पचास लाख की मांग कर रहा है और पूरे थाने को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं। वहीं आज पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने लिखा है कि चार साल की बच्ची की चीखें पूरे प्रदेशवासियों के कानों में गूंज रही है। जब तक उसके अपराधी पकड़े नहीं जाते, तब तक यह गूंजती रहेगी।
'मैं निशब्द हूं, कानून के रक्षक ही भक्षक बनते जा रहे'
वहीं भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह ने लिखा अगर यह सही है तो इसके बयान के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। मैं निशब्द हूं, कानून के रक्षक ही भक्षक बनते जा रहे हैं। ईश्वर करे यह सच न हो! और यदि यह हुआ है तो इसकी निंदा के लिए शब्द नहीं हैं। यह अक्षम्य है। विगत वर्षों में क़ानून- व्यवस्था इतनी बिगड़ी है कि रक्षक ही भक्षक बन गये हैं। इस जंगलराज के ज़िम्मेदार अशोक गहलोत हैं, उन्होंने अपनी तरह पूरे सिस्टम को नाकारा बना दिया है। हैवानों को संरक्षण-प्रोत्साहन देने वाले कुशासन का अंत हमारी माताओं-बहनों को मिली लोकतांत्रिक शक्ति से ही होगा।