
जयपुर. देशभर में आज होली का पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं राजस्थान में एक समाज ऐसा भी है जो होली का पर्व नहीं मानता। होली के दिन न तो यहां होलिका दहन होता है और न ही इससे जुड़ी कोई परंपरा यह लोग निभाते हैं। यह सब कुछ राजस्थान के भीलवाड़ा शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर हरणी गांव में होता है। गांव में होलिका दहन नहीं होता है। आज से करीब 75 साल पहले यहां पेड़ काटने की बात को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद गांव में बड़े स्तर पर आगजनी की घटना भी हुई ।
होली का कलर लगना माना जाता है अशुभ
इस घटना के बाद ही यहां पर होलिका दहन नहीं किया जाता। गांव के लोगों ने यह निर्णय इसलिए लिया कि चाहे कुछ भी हो पेड़ नहीं काटेंगे। हालांकि गांव के लोग चंदा इकट्ठा करके सोने के प्रहलाद और चांदी की होली माता बनवाकर गांव में उनकी शोभायात्रा निकालते हैं। यदि होली के पर्व पर किसी के भी कलर लग जाए तो उसे अशुभ माना जाता है।
7 दिन पहले से नहीं होता है कोई शुभ कार्य
इस बारे में चोवटिया जोशी समाज के लोगों का कहना है की होली के 7 दिन पहले से ही कोई शुभ कार्य नहीं होता। यदि कोई कार्य करते भी है तो वह पूरा नहीं हो पाता या गलत होता है। हालांकि गांव के कई बुजुर्गों की मौत हो गई लेकिन आज भी नई पीढ़ी के लोग लगातार परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। जिनका कहना है कि बुजुर्गों ने जो निर्णय किया वह सही है और उसे ही वह आजीवन निभाएंगे।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।