Unique Ttradition of Holi : क्या है गुलाल गोटा, होली पर मचा रहा धूम! 400 साल पुरानी ये शाही परंपरा

Published : Mar 12, 2025, 06:04 PM IST
holi celebration with gulal gota

सार

holi 2025 : राजस्थान की होली सबसे अलग होती है और जयपुर की तो बात ही अलग है। जहां आज भी लोग शाही तरीके से होली खेलते हैं। इन दिनों जयपुर में होली पर 400 साल पुरानी शाही परंपरा यानि गुलाल गोटा की धूम मची है।

जयपुर, होली का त्योहार (holi celebration) आते ही बाजार रंगों और गुलाल से भर जाते हैं, लेकिन जयपुर में बनी एक खास होली परंपरा (tradition on holi festiva)l फिर से अपनी पहचान बना रही है... गुलाल गोटा (gulal gota)। ये खास लाख की गेंदें न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि पारंपरिक और शाही अंदाज में होली खेलने का अनूठा तरीका भी हैं। नए व्यक्ति के लिए ये एक मिठाई या रंगीन चॉकलेट की तरह लग सकती है, लेकिन असल में यह गुलाल से भरी हुई एक गेंद हैं।

जयपुर के शाही परिवार 400 साल पहले खेलते थे ऐसे गहोली

400 साल पुरानी परंपरा गुलाल गोटा का इतिहास करीब 400 साल पुराना है। कहा जाता है कि जयपुर के शाही परिवार इस अनोखे गुलाल से होली खेलते थे। इसे हाथ से बने लाख के पतले खोल में रंग भरकर तैयार किया जाता है, जो फेंकने पर आसानी से टूट जाता है और गुलाल हवा में बिखर जाता है।

जानिए क्या है होली पर गुलाल कोटा

बढ़ती मांग, फिर लौट रहा सुनहरा दौर हाल के वर्षों में सस्ते सिंथेटिक रंगों और गुलाल की उपलब्धता के कारण गुलाल गोटा की मांग में गिरावट आई थी, लेकिन अब एक बार फिर लोग पारंपरिक और प्राकृतिक विकल्पों की ओर लौट रहे हैं। खासकर युवा इसे पसंद कर रहे हैं, क्योंकि यह त्वचा के लिए सुरक्षित है और होली खेलने का एक शाही और अनोखा अनुभव प्रदान करता है।

जयपुर के गुलाल कोटा की देशभर में बढ़ी मांग

कारीगरों का पुनरुत्थान जयपुर में मणिहारों का रास्ता और अन्य इलाकों में रहने वाले मुस्लिम कारीगर पीढ़ियों से इस कला को जीवित रखे हुए हैं। इनमें से कई कारीगर अब सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपने गुलाल गोटों की बिक्री कर रहे हैं। कारीगर गुलाम मोहम्मद बताते हैं, पहले यह परंपरा केवल शाही परिवारों तक सीमित थी, लेकिन अब देशभर के मंदिरों, होली कार्यक्रमों और पार्टियों में भी गुलाल गोटा की मांग बढ़ रही है।

गुलाल गोटा 6 पीस का सेट करीब 150 रुपये में मिलता

गुलाल गोटा पूरी तरह से प्राकृतिक और जैविक होता है। इसे बनाने में किसी भी प्रकार के रासायनिक रंगों या प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाता। इसके विपरीत, पानी के गुब्बारे और सिंथेटिक रंग त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। गुलाल गोटा बाजार में 6 पीस का सेट करीब 150 रुपये में उपलब्ध है। इसे जयपुर के स्थानीय बाजारों के अलावा ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।

 

 

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