
Jaipur Metro Phase 2 New Route : राजस्थान की राजधानी जयपुर के अधूरे पड़े मेट्रो फेज-2 प्रोजेक्ट को आखिरकार नई दिशा मिल गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने फाइनल डीपीआर को मंजूरी देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि जयपुर मेट्रो अब सिर्फ शहर की पहचान नहीं रहेगी, बल्कि यह राजधानी के भूगोल और भविष्य की रफ्तार भी तय करेगी।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अब राज्य और केंद्र सरकार की साझेदारी में आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसे आमतौर पर ‘डबल इंजन’ की ताकत कहा जा रहा है। अब इस परियोजना का वित्तीय ढांचा भी स्पष्ट किया गया है — कुल लागत में 20% हिस्सा राज्य सरकार देगी, 20% केंद्र सरकार से आएगा और शेष 60% विभिन्न एजेंसियों से लिए गए सॉफ्ट लोन से जुटाया जाएगा।
इस बार मेट्रो विस्तार केवल मौजूदा शहर क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। शहरी विकास विभाग की योजना के अनुसार मेट्रो को अब बस्सी, बगरू, चौमूं और कोटपूतली जैसे संभावित सैटेलाइट टाउन तक विस्तार देने की तैयारी की जा रही है। इन क्षेत्रों में फिजिबिलिटी स्टडी करवाई जा रही है, जिसमें जनसंख्या घनत्व, ट्रैफिक प्रेशर और भविष्य के शहरी विकास को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
इस फेज में जयपुर की दो प्रमुख औद्योगिक हाउसिंग और कमर्शियल बेल्ट्स — सीतापुरा और विश्वकर्मा इंडस्ट्रियल एरिया (VKI) — को भी मेट्रो नेटवर्क से जोड़े जाने की योजना है। यह कॉरिडोर न सिर्फ यातायात दबाव कम करेगा, बल्कि उद्योगों और रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी लाएगा।
नई सोच के साथ नया सर्वे मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि पहले के प्रोजेक्ट में कुछ तकनीकी खामियां थीं — जैसे कि स्टेशनों के बीच मानक दूरी का पालन न होना। इसलिए अब नई एजेंसी द्वारा विस्तृत सर्वे कराया जा रहा है, जो तय करेगा कि नई मेट्रो लाइनें कहां-कहां बनेंगी, और उन्हें कैसे जोड़ा जाए। माना जा रहा है कि यह सर्वे अगस्त-सितंबर तक पूरा हो जाएगा।
वर्तमान में जयपुर मेट्रो का संचालन बड़ी चौपड़ तक सीमित है। अब विचार किया जा रहा है कि इसे दिल्ली रोड पर गलता गेट तक बढ़ाया जाए। इस रूट पर भूमिगत मेट्रो चलाने की संभावना तलाशी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम परकोटे के भीतर यातायात दबाव को कम करने में कारगर साबित होगा।
राज्य सरकार की योजना है कि नगरीय निकाय चुनाव से पहले-पहले मेट्रो फेज-2 का शिलान्यास कर दिया जाए। संभवत: अक्टूबर या नवंबर 2025 में इसकी आधारशिला रखी जा सकती है। इससे सरकार को न केवल राजनीतिक लाभ मिलेगा, बल्कि आम जनता को भी भविष्य के एक आधुनिक, सुरक्षित और टिकाऊ परिवहन साधन की सौगात मिलेगी। माना जा रहा है नया साल काफी कुछ नया लेकर आएगा।
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