डूंगरपुर. हाल ही में भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें बेंगलुरु और अहमदाबाद के केस शामिल हैं। इस वायरस से जुड़ी खबरें चीन में तेजी से फैल रहे संक्रमण के कारण चर्चा में हैं। एचएमपीवी मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और बच्चों तथा बुजुर्गों में अधिक गंभीर प्रभाव डाल सकता है। बताया जा रहा है जो परिवार अहमदाबाद में इलाज कर रहा है वह राजस्थान के डूंगरपुर जिले का रहने वाला है । अहमदाबाद और डूंगरपुर की सीमा नजदीक होने के कारण अधिकतर लोग इलाज के लिए अहमदाबाद के बड़े अस्पतालों में जाते हैं। यही कारण है कि राजस्थान सरकार ने भी कुछ देर पहले एडवाइजरी जारी की है।
इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में बुखार, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, थकावट, और भूख न लगना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। गंभीर मामलों में यह ब्रोन्कोपमोनिया या निमोनिया का कारण बन सकता है, जो फेफड़ों में सूजन पैदा करता है।
एचएमपीवी का संक्रमण आमतौर पर सर्दियों के मौसम में अधिक फैलता है। यह वायरस कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, खासकर 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों को अधिक प्रभावित करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वायरस नया नहीं है, बल्कि 2001 में पहली बार इसकी पहचान हुई थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस को लेकर घबराने की आवश्यकता से इनकार किया है। मंत्रालय ने बताया है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) देशभर में सांस संबंधी बीमारियों की निगरानी कर रहे हैं।
इस वायरस से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां अपनानी चाहिए:
1. साफ-सफाई का ध्यान रखें और नियमित रूप से हाथ धोएं।
2. भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का उपयोग करें।
3. संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखें।
4. बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार दें।
भारत सरकार ने लोगों से घबराने के बजाय सावधानी बरतने की अपील की है। विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर पहचान और उपचार से इस वायरस के गंभीर प्रभावों से बचा जा सकता है। हालांकि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है, लेकिन इसके प्रति जागरूक रहना जरूरी है। बचाव और सतर्कता ही संक्रमण से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।