
International yoga day: योग का प्रभाव और उसका नियमित अभ्यास की मदद से गंभीर बीमारियों को हराने के लिए लोग योग का सहारा ले रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजस्थान के भरतपुर जिले से। भरतपुर में रहने वाले एक शख्स ने योग के नियमित अभ्यास से कैंसर जैसी बीमारी को मात दे दी है। हांलाकि कैंसर का पहले ट्रीटमेंट कराया था, लेकिन बाद में वह फिर से बढ़ने लगा था। ऐसे में आयुर्वेदाचार्य की मदद से योग में दक्षता हासिल की और अब पूरी तरह से स्वस्थ है।
भरतपुर के रहने वाले सुचित खंडेलवाल ने बताया कि साल 2012 में मुंह के कैंसर के बारे में पता चला था। इससे पहले तो इसे सामान्य बीमारी मानकर इलाज ले रहे थे। लेकिन बाद में जांच में कैंसर पाया गया। ऐसे में कैंसर का जयपुर में ऑपरेशन कराया। डॉक्टर का कहना था कि मुंह बहुत कम खुलेगा और सिर्फ तरल पदार्थ ही खा सकते हैं। कुछ दिन इलाज को फॉलो किया, लेकिन फिर से मुंह में संक्रमण होने लगा तो डॉक्टर ने भी हाथ खींच लिए। कुछ दिन थेरेपी और जटिल प्रक्रिया से गुजरने के बाद भी जब पूरी तरह से चीजें काबू नहीं हो सकीं तो ऐसे में आर्युवेद का सहारा लिया।
कई तरह से योगाभ्यास की मदद से दूरी की बीमारी
प्राणायाम, कपालभाति, अनुलोम विलोम समेत कई योग सीखे और हर दिन एक घंटा तक अभ्यास किया। सिर्फ दो महीने ही संक्रमण खत्म हो गया और मुंह पूरा खोलने लग गया। तरल के साथ ही खाना भी शुरू कर दिया और परेशानी खत्म हो गई। उसके बाद से अब तक लगातार, यानी दस साल से लगातार योग कर रहे हैं और सब कुछ नियंत्रण में चल रहा है। सुचित का कहना है कि कैंसर से अधिकतर लोगों को मरते ही देखा है, मन में भय था कि कहीं मेरा भी हाल यही ना हो जाए। इलाज के साथ योगासन जारी रखा और अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
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