राजस्थान में एक महिला सीएम अशोक गहलोत से मिलने और न्याय के लिए पिछले 103 दिन से धरना दे रही है। जबकि वह गर्भवती थी, अब उसने एक बच्चे को जन्म दिया है। फिर वह इंसाफ की गुहास सीएम से लगा रही है।
जयपुर. चुनाव के समय नेता फिर चाहे वह मुख्यमंत्री ही क्यों ना हो , जनता के लिए सहज सुलभ उपलब्ध होते हैं। वे ऐसा कोई रास्ता नहीं छोड़ते जिससे जनता नाराज हो या जनता को कोई परेशानी हो, लेकिन इसके एकदम उलट राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एक मामला सामने आया है। एक महिला से मिलने के लिए मुख्यमंत्री ने 103 दिन से समय नहीं दिया, वह गर्भवती थी प्रसव पीड़ा में रही और आखिर उसने एक बच्चे को जन्म दिया ।लेकिन उसके बावजूद भी मुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री की ओर से कोई अन्य बड़ा नेता उससे मिलने नहीं आया है । महिला जोधपुर जिले की रहने वाली है।
5 साल से अपने भाई का कर रही है इंतजार
दरअसल, यह बंजारा परिवार जोधपुर जिले के प्रताप नगर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। पीड़ित महिला ममता बंजारा अपने भाई नरेश बंजारा की गुमसूदगी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलना चाहती है। ममता ने बताया कि 5 साल पहले उसके भाई का शादी से ठीक 5 दिन पहले शायद अपहरण हो गया , इसलिए वह घर नहीं लौट सका । 5 साल से हम उसका इंतजार कर रहे हैं । हमने प्रताप नगर थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया है। कुछ लोगों के ऊपर शक भी जाहिर किया है । लेकिन उसके बावजूद भी पुलिस ना तो नरेश को तलाश पा रही है और ना ही उसके आरोपियों को पकड़ पा रही है। ममता ने बताया कि उसके पिता केतन बंजारा हर रात को नींद की दवा लेकर सोते हैं, हम एक बार मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं ताकि वह इस मामले में सीबीआई जांच कर सके।
बेटे के जन्म की है खुशी...लेकिन भाई है गम कम नहीं
ममता ने बताया कि बेटे के जन्म की खुशी है लेकिन 5 साल से भाई लापता है , जब तक भाई वापस नहीं लौटेगा तब तुम हम मुख्यमंत्री के दरबार से नहीं लौटेंगे । मुख्यमंत्री जब तक मिलने का समय नहीं देंगे हम लोग यही डटे रहेंगे।
103 दिन से धरने पर बैठी है यह महिला
उल्लेखनीय है कि ममता उसके पिता और परिवार के कुछ लोग कई बार मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश कर चुके हैं , लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया जाता है। वह मुख्यमंत्री आवास से कुछ किलोमीटर दूर स्थित शहीद स्मारक पर पिछले 100 दिन से भी ज्यादा समय से धरने पर बैठे हुए हैं।