पति ने किया कांड तो राजस्थान सरकार ने अपनी ही मेयर किया सस्पेंड, मुश्किल में सीएम गहलोत

राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने अपने ही जयपुर नगर निगम हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर को महापौर से सस्पेंड कर दिया है। वजह मेयर के पति सुशील गुर्जर को दो लाख रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

Arvind Raghuwanshi | Published : Aug 6, 2023 6:55 AM IST

जयपुर. हाल ही में एसीबी ने जयपुर नगर निगम हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील को पट्टे की एवज में रिश्वत मांगने के मामले में दो लाख रुपए की घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। अब पति के बाद खतरा उनकी पत्नी मेयर पर भी मंडरा रहा है। आशंका है कि मेयर की भी इसमें मिलीभगत हो सकती है। ऐसे में राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने मुनेश को निलंबित कर दिया है।

मंत्री बोले-इससे बड़ा पाप और क्या होगा

वही जिस दौरान एसीबी की टीम ने सुशील गुर्जर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था उस वक्त मेयर खुद वही घर में मौजूद थी और दो दलाल भी थे। ऐसे में इस बात से नहीं नकारा जा सकता कि मेयर इन सब बातों से अनजान है। इस पूरे मामले में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का कहना है कि राजस्थान सरकार ने यह जो फैसला लिया है यह वाकई स्वागत योग्य है यदि कोई भी भ्रष्टाचार करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जिस पार्टी और आदमी ने इन्हें यहां तक पहुंचाया। इन लोगों ने उन्हीं के साथ विश्वासघात किया। दोनों ने उस नेता की इमेज के बारे में कुछ नहीं सोचा। इससे बड़ा पाप और क्या होगा।

गहलोत सरकार ने 24 घंटे में ही मेयर को किया निलंबित

मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का कहना है कि फिलहाल राजस्थान एसीबी की टीम इस पूरे मामले की जांच कर रही है जांच में जो लोग दोषी पाए जाते हैं उन्हें केवल निलंबित ही नहीं बल्कि बर्खास्त भी किया जाएगा। विधायक रफीक खान का कहना है कि भ्रष्टाचार को लेकर राजस्थान सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है। इसीलिए तो सरकार ने 24 घंटे में ही मेयर को निलंबित कर दिया इससे साफ जाहिर होता है कि जो भी भ्रष्टाचार करेगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन होगा।

आखिर इस मामले में और कौन कौन दोषी

वहीं राजनीतिक जानकारों की माने तो सीएम अशोक गहलोत सरकार के कई मंत्रियों को पिछले लंबे समय से हेरिटेज नगर निगम में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थी। कई बार इस मामले में सरकार के कुछ प्रतिनिधि मेयर से मिले थे। हालांकि फिलहाल एसीबी की जांच पूरी होने के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर इस मामले में और कौन कौन दोषी है।

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