RPSC : भर्ती घोटालों से दागदार राजस्थान: फिर खतरे में लाखों का भविष्य

राजस्थान में आरपीएससी पेपर लीक मामले ने लाखों छात्रों के भविष्य को अंधेरे में डाल दिया है। बाबूलाल कटारा और रामू राम राइका जैसे सदस्यों पर लगे आरोपों ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जयपुर. राजस्थान ही नहीं पूरे देश में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है । लेकिन इन दिनों कई राज्यों में बेरोजगारी से भी बड़ी जो समस्या है वह नकल गिरोह की है । राज्यों की सरकारें सरकारी स्तर पर भर्ती परीक्षाएं करवाती हैं। लेकिन परीक्षाएं करवाने वालों की मदद से ही यह परीक्षाएं अंधकार में चली जाती है। राजस्थान में इसके एक नहीं दो उदाहरण है। जिन दो शख्स पर सरकारी एजेंसियों के जरिए भर्ती परीक्षाएं कराने का जिम्मा था, उन्होंने ही लाखों बच्चों का भविष्य दांव पर लगा दिया ।

आरपीएससी के सदस्यों ने किया बड़ा खेल

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दरअसल, राजस्थान में आरपीएससी एक सरकारी संस्था है जो राजस्थान सरकार के द्वारा आयोजित करने वाली परीक्षाएं कंडक्ट करती है। पेपर सेट करने से लेकर इंटरव्यू लेने तक सारे काम आरपीएससी के सदस्यों के हाथ में होते हैं । लेकिन इस बार आरपीएससी के सदस्यों ने जो खेल किया है, वह इतने बड़े स्तर पर है कि करीब 12 लाख से ज्यादा बच्चे परेशान हो रहे हैं।

एक करोड़ में बेचा था पेपर

आरपीएससी ने दो सदस्यों के कारण साख खो दी है । उनमें पहले है बाबूलाल कटरा और दूसरा है रामू राम राइका । बाबूलाल कटरा 2020 में आरपीएससी सदस्य था । 2022 में सरकार ने सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा शुरू की और इस दौरान जनरल नॉलेज का एक पेपर परीक्षा से पहले ही बाहर आ गया । यह पेपर बाबूलाल कटारा ने सेट किया था। पेपर 60 दिन पहले ही बाबूलाल कटारा के पास पहुंच गया था। कटारा ने अपने भतीजे विजय डामोर की मदद से यह पेपर एक करोड़ रुपए में बेच दिया । उसके बाद कटारा ने यह पेपर अपने कई परिचित लोगों को भी दिया था। पेपर लीक होने की सूचना के बाद सरकार ने यह परीक्षा रद्द कर दी थी।‌ बाबूलाल को कई महीनों पहले गिरफ्तार किया जा चुका है और अब उसे सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में भी आरोपी बनाया गया है।‌ बाबूलाल राजस्थान के डूंगरपुर जिले का रहने वाला है। उसे साल 2020 में आरपीएससी का सदस्य बनाया गया था, साल 2022 में राज्यपाल ने उसे निलंबित कर दिया था।

परीक्षा के 7 दिन पहले पेपर लीक

रामू राम राइका की रामू राम ने अपने दोनों बच्चों को सरकारी नौकर बनाने के लिए परीक्षा से 7 दिन पहले पेपर निकाल लिया। सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में जो पेपर आया, रामू ने अपने दोनों बच्चे शोभा और देवेश को यह पेपर दिया था। उसके बाद दोनों ने सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा टॉप कर ली थी । लेकिन अब इस भर्ती परीक्षा पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। 859 पद के लिए साल 2021 में हुई इस परीक्षा में करीब 8 लाख से ज्यादा बच्चे शामिल हुए थे। लेकिन अब इस भर्ती परीक्षा के भविष्य पर सवाल खड़ा हो रहा है। जबकि चुने गए सब इंस्पेक्टर अपनी ट्रेनिंग पूरी करने वाले हैं। अब तक करीब 42 सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार हो चुके हैं,करीब 30 सब इंस्पेक्टर फरार हैं उन्हें भी जल्द गिरफ्तार करने की तैयारी चल रही है।

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