JCB ने देखिए किस तरह से बना डाला 350 कुंटल चूरमा, भेरू बाबा के भव्य आयोजन में पहुंचेंगे 2 लाख लोग
जयपुर. राजस्थान के जयपुर शहर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां आप जेसीबी मशीनों को कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करते देखा होगा, लेकिन इस बार इस मशीन को विशाल भंडारें के लिए चूरमा बनाने के काम आ रहा है। हजारों लोगों का काम यह अकेले कर ले रही है।
Sanjay Chaturvedi | Published : Jan 30, 2023 9:43 AM IST / Updated: Jan 30 2023, 04:33 PM IST
आपने जेसीबी मशीन थ्रेसर ट्रैक्टर ट्रॉली और फावड़ा हमेशा कंस्ट्रक्शन की किसी साइट पर ही देखा होगा लेकिन क्या कभी ऐसा संभव हुआ है कि कहीं चूरमा बनाया जा रहा हूं वह भी इन मशीनों से।
दरअसल राजस्थान में कुछ ऐसा ही हुआ है। यहां होने वाले एक विशाल भंडारे के लिए इतना ज्यादा चूरमा बनाया गया है कि यह लोगों से बन पाना संभव ही नहीं था।
ऐसे में इसे बनाने के लिए जेसीबी मशीन ट्रैक्टर ट्रॉली समेत कई मशीनों को काम में लिया गया। इन मशीनों की मदद से करीब 350 क्विंटल चूरमा बना है।
भंडारे के पास चूरमे के बड़े-बड़े टीले बनाए गए हैं जो बिल्कुल मिट्टी के टीलों की तरह लग रहे हैं।
दरअसल, राजधानी जयपुर के समीपवर्ती कोटपुतली में कुहाड़ा के छपाला भेरुजी मंदिर में लक्खी मेले का आयोजन किया जा रहा है।
कुहाड़ा पहाड़ी के पास इस आयोजन में शामिल होने के लिए राजस्थान के करीब 2 लाख लोग यहां आए हुए हैं।
भेरुजी महाराज को भोग में हमेशा चूरमा ही चढ़ता है। ऐसे में चूरमा बनाया गया है। वही 2 साल बाद यह मेला कोरोना के बाद बिना किसी पाबंदी के आयोजित हो रहा है।
ऐसे में लोगों को इसे लेकर काफी उत्साह है। इस आयोजन के लिए करीब 50 बीघा के एरिया में पंडाल लगाया गया है।
इस चूरमे की सबसे खास बात यह है कि इसमें करीब 750 किलो काजू बादाम मिलाया गया है। 26 क्विंटल घी से बना यह चूरमा करीब एक लाख से ज्यादा लोग खाएंगे।
इस आयोजन को लेकर कोई अलग से कारीगर नहीं बुलाया गए हैं। यहां पास की स्कूलों के ही करीब 4000 विद्यार्थी सहित आसपास के लोग ही सेवा में लगे हुए हैं।
वही स्कूल में को बनाने के लिए मजदूरों के हाथ और पैरों पर प्लास्टिक का कवर चढ़ाया जाता है। वही बीती शाम यहां एक शोभायात्रा भी निकाली गई जिसका हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।