
राजस्थान की राजधानी में स्थित जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट अब और ज्यादा आधुनिक और यात्रियों के अनुकूल बनने जा रहा है। एयरपोर्ट प्रशासन ने कुल 600 करोड़ रुपए की लागत से 14 नई परियोजनाओं की शुरुआत की है, जिनका मकसद टर्मिनल-2 का विस्तार और हवाई अड्डे की समग्र सुविधाओं को अपग्रेड करना है। इन बदलावों के बाद एयरपोर्ट की वार्षिक यात्री संभालने की क्षमता 6.1 मिलियन से बढ़कर 8 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।
2. इसके साथ ही एयरपोर्ट पर पहली बार 8 सेल्फ-बैगेज ड्रॉप काउंटर लगाए जाएंगे, जिससे यात्री अपने बैग खुद जमा कर सकेंगे। सुरक्षा के लिए अब 9 और एक्स-रे बैगेज स्कैनर भी लगाए जाएंगे, जिससे इनकी संख्या बढ़कर 18 हो जाएगी।
3. बोर्डिंग गेट्स की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 की जाएगी, और 2 नए प्रवेश द्वार भी जोड़े जाएंगे। यात्रियों की सुविधा को और बेहतर बनाने के लिए टर्मिनल-2 के ऊपरी तल पर 2 नए एयरोब्रिज बनाए जाएंगे, जिससे एयरोब्रिज की कुल संख्या 4 हो जाएगी।
4. फोरकोर्ट एरिया में 6,000 वर्ग मीटर का नया पोर्च क्षेत्र विकसित किया जाएगा, जिससे यात्रियों को एंट्री और एग्जिट में आसानी होगी। इसके साथ ही एयरपोर्ट के हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 40,000 वर्ग मीटर में खूबसूरत पाथवे, लॉन और मौसमी पौधों से सजी हरियाली तैयार की जाएगी।
5. जयपुर एयरपोर्ट के इस रूपांतरण से न केवल उड़ानों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि यात्रियों को एक वैश्विक स्तर का अनुभव मिलेगा। इन परियोजनाओं का पूरा होना जयपुर को उत्तरी भारत के प्रमुख एयर हब के रूप में स्थापित कर सकता है।
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