आखिर क्यों गुस्से में है राजस्थान का वकील समुदाय...सड़कों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन, चक्का जाम

Published : Feb 22, 2023, 05:54 PM IST

जयपुर. जोधपुर में 3 दिन पहले वकील जुगराज चौहान की बीच सड़क निर्मम हत्या के बाद अब राजस्थान का वकील समुदाय विरोध प्रदर्शन पर उतर गया है। पुलिस अफसर हाथ जोड़कर समझाते रहे नहीं माने वकील।

PREV
17

पिछले 3 दिन से जुगराज का शव जोधपुर में रखा हुआ है । परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है । परिजनों के साथ धरने पर बैठे वकीलों का कहना है कि जब तक राजस्थान सरकार वकील प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं करती है, तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहने वाला है।

27

3 दिन से जोधपुर में न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर दिया गया है । लेकिन इसके बाद भी प्रशासन ने वकीलों की सुध नहीं ली है । ऐसे में अब यह प्रदर्शन राजस्थान के हर जिले में फैलता नजर आ रहा है।

37

जोधपुर के बाद अब जयपुर में आज वकीलों ने तगड़ा प्रदर्शन किया है।  जयपुर में सेशन कोर्ट और हाई कोर्ट के बाहर वकीलों ने चक्का जाम कर दिया । बीच सड़क  वे लोग बैठ गए और उन्होंने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।  जोधपुर और जयपुर हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक सरकार वकील प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं करेगी । जुगराज चौहान के परिजनों को एक करोड़ रूपया नहीं देगी । तब तक यह धरना  जारी रहेगा।  

47

वकीलों में इस बात को लेकर भी गुस्सा है कि मुख्यमंत्री जोधपुर में होने के बावजूद भी जोधपुर में वकीलों से नहीं मिले।  वकीलों ने मिलने की कोशिश की लेकिन मुख्यमंत्री ने समय नहीं दिया।

57

दरअसल जोधपुर में 3 दिन पहले बीच सड़क मुकेश और अनिल नाम के दो भाइयों ने मिलकर वकील जुगराज चौहान की हत्या कर दी थी।  बीच सड़क सिर में पत्थर मारकर सिर फोड़ दिया था और पेट और छाती पर चाकू से दर्जनों वार किए थे।  इस हत्याकांड का वीडियो भयंकर वायरल हुआ था । पुलिस ने अनिल और मुकेश को तुरंत गिरफ्तार कर तो लिया लेकिन अब पूरे राजस्थान के वकील सुरक्षा की मांग कर रहे हैं । 

67

जयपुर सेशन कोर्ट के एडवोकेट जितेंद्र मिश्रा का कहना है कि पिछले 1 साल में ही अगर उठाकर देखा जाए तो राजस्थान में वकीलों के साथ दर्जनों बार मारपीट हुई है । अब तो लोग बीच सड़क हत्या करने लगे हैं । क्या वकील मरने के लिए ही पैदा हुए हैं .... क्या वकीलों के बच्चे नहीं है....... क्या उनका परिवार नहीं है ...... । 

77

सरकार वकीलों को हमेशा दोयम दर्जे का मानती है,  यह गलत है।  इस बार हमने ठाना है कि सरकार को अपनी ताकत दिखानी ही है । वकील कई सालों से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे हैं।  पिछले तीन-चार दिन से जारी घटनाक्रम में अभी तक किसी अफसर का बयान सामने नहीं आया है।

Recommended Stories