
जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने के बाद अब कल नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजधानी जयपुर में अल्बर्ट हॉल के सामने रामनिवास बाग में शपथ लेंगे। जिसके बाद सरकार का कामकाज शुरू हो जाएगा। लेकिन राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के सामने एक बड़ी मुसीबत सामने आने वाली है। वह मुसीबत भी आर्थिक मुसीबत है जो सालों तक पूरी नहीं होगी। क्योंकि गहलोत सरकार ने सारा खजाना खाली करके कर्जदार जो बना दिया।
राजस्थान सरकार पर 5.59 लाख करोड़ का कर्ज
दरअसल राजस्थान सरकार पर 5.59 लाख करोड़ का ऋण बकाया है। जिसे चुकाने में सरकार को सालों भी जाएंगे। आपको बता दे कि पिछली कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में आखिरी साल में 100 यूनिट फ्री बिजली,मुफ्त राशन किट, गैस सिलेंडर में छूट सहित कई घोषणाएं की। जिनके चलते राज्य पर ऋण बढ़ा है।
मुफ्त के चक्कर में लुट गई सरकारी तिजोरी
आपको बता दे कि राजस्थान पर साल 2019 में 3.39 लाख करोड़ का ऋण बकाया था। लेकिन पिछली सरकार ने जनता को लुभाने के लिए जो राहत दी उनके चलते राजस्थान पर राजस्व भार बढ़ा है। नई सरकार को शुरुआती साल में कई बड़ी घोषणाएं करनी होगी। ऐसे में आर्थिक निर्णय सरकार को बड़ी सोच समझकर लेने होंगे।
मुनाफे से ज्यादा है कर्मचारियों की सैलरी
राजस्थान में हालात यह है कि रोडवेज जैसे डिपार्टमेंट में सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को समय पर पेंशन का भुगतान भी नहीं मिल पाता है। जबकि सरकार को सालाना 1.14 लाख करोड रुपए का राजस्व होता है जबकि 1.30 लाख करोड़ तो पेंशन, वेतन और ब्याज के देने पड़ते हैं।
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