अचानक राजस्थान के डीजीपी उमेश मिश्रा के बंगले पर पहुंचे BJP एमपी किरोड़ी लाल मीणा, पुलिस प्रशासन में मचा हड़कंप

जयपुर शहर के चाकसू पुलिस थाने में हुए चार मौतों का मुद्दा लेकर भाजपा एमपी किरोड़ी लाल मीणा राजस्थान के डीजीपी उमेश मिश्रा के बंगले पर पहुंचे। सांसद के पहुंचने की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और डीजीपी के बंगले की सुरक्षा बढ़ाई गई।

Sanjay Chaturvedi | Published : May 22, 2023 2:16 PM IST
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दौसा शहर के सांसद किरोडी लाल मीणा एक बार फिर से पुलिस के आमने-सामने हुए थे। वह इस बार सीधे डीजीपी उमेश कुमार मिश्रा के सरकारी बंगले पर जा पहुंचे। वहां पर पहले ही सुरक्षा थी लेकिन फिर भी मीणा के आने के बाद सुरक्षा और ज्यादा बढ़ाई गई। हालांकि उस समय डीजीपी वहां मौजूद नहीं थे। 

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दरअसल सांसद किरोडी लाल मीणा सड़क हादसे के मामले को लेकर डीजीपी से मिलने पहुंचे थे, लेकिन डीजीपी से मिलना नहीं हो सका। उसके बाद उन्होंने डीजीपी के स्टाफ को एक पत्र दिया और जल्द ही उस पर गौर करने के लिए कहा। करीब डेढ़ घंटा रुकने के बाद सांसद वहां से चले गए।

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राजधानी जयपुर के ग्रामीण इलाके में स्थित चाकसू थाना क्षेत्र में रविवार सवेरे करीब 11:00 बजे एक सड़क हादसा हुआ। एक पेड़ के नीचे परिवार के 6 लोग खड़े थे, अचानक एक जीप ने तमाम लोगों को कुचल दिया। इनमें से 4 की मौत हो गई दो अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। चाकसू के डोई गांव में रहने वाले परिवार मैं यह हादसा हुआ । इस हादसे के बाद दो भाई जिनके नाम मदन और सीताराम हैं, उनका परिवार खत्म हो गया।

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मदन उसकी पत्नी और एक बेटे की मौत के अलावा मदन के बड़े भाई सीताराम उसकी पत्नी की मौत हो गई। एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत के बाद अब परिवार में सिर्फ तीन बच्चे जीवित बचे हैं। उनमें सबसे बड़ी 12 साल की बच्ची आरती है। इस घटनाक्रम के बाद आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतको के परिवार के सदस्यों को 5 लाख-5 लाख रुपए देने की घोषणा की है।

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लेकिन सांसद किरोडी लाल मीणा का कहना है यह रकम कम है। वे हर मृतक को 25 लाख रुपए देने की बात कह रहे हैं। उसके अलावा सरकारी नौकरी और अन्य सरकारी सुविधाएं देने की उनकी मांग है। इन तमाम मांगों को लेकर वे 12 साल की बच्ची आरती के साथ डीजीपी के बंगले पर पहुंचे थे। जयपुर में स्थित बीजेपी के बनने पर सुरक्षा बढ़ाई गई थी।

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किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि अगर सरकार 1 या 2 दिन में यह तमाम मांगे नहीं मानती है तो भी सरकार के खिलाफ फिर से बड़ा आंदोलन करेंगे और यह आंदोलन सरकार को बहुत भारी पड़ने वाला है। जिन चार लोगों की इस हादसे में मौत हुई है उन सभी के शव अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किए गए हैं । सांसद का कहना है कि जब तक परिवार की सभी मांगें नहीं मानी जाएगी लाशे सड़क पर ही पड़ी रहेगी।

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