
जयपुर (jaipur news). राजस्थान में जल्द ही 4 से 5 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने 24 अप्रैल से प्रदेश में महंगाई राहत शिविर की शुरूआत की। सरकार के यह महंगाई कैंप अब लगातार सफल होते दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि सरकार ने इन शिविर के माध्यम से नया रिकॉर्ड बनाया है। महज 5 दिन में ही कैंपों में करीब 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है।
राहत शिविरों में लग रहे है एक्ट्रा टेबल और स्टॉफ
सीएम अशोक गहलोत के साथ पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी लगातार अलग-अलग जिलों में दौरा कर इन महंगाई राहत शिविर का अवलोकन कर रहे हैं। एक करोड़ से ज्यादा रजिस्ट्रेशन होने पर सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि इस योजना का लाभ तो लोगों को इतना ज्यादा अच्छा लग रहा है कि हमें कैंपों में एक्स्ट्रा टेबल ऑल स्टाफ लगाना पड़ रहा है।
राहत शिविर में 10 योजनाओें के हो रहे रजिस्ट्रेशन
गौरतलब है कि इन कैंप के जरिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना, राशन किट, कामधेनु सहित कुल 10 योजनाओं में रजिस्ट्रेशन हो रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सीएम अशोक गहलोत का चुनावी साल में यह भी एक तरीके का मास्टरस्ट्रोक है। जिसमें चुनाव के 6 महीने पहले इन कैंपों के जरिए सरकार खुद का प्रचार कर रही है। यह कैंप अभी 2 महीने चलने वाले हैं। ऐसे में 2 महीने तक आम जनता के बीच सरकार का खुद का प्रचार करना वह भी उस माध्यम से जिससे जनता का सीधा जुड़ाव हो उसका फायदा कहीं ना कहीं चुनावों में कांग्रेस को मिल सकता है।
जनता को परेशानी को देखते हुए आई टी स्टॉफ भी मौजूद
सीएम अशोक गहलोत इन राहत कैंपों को लेकर इतने ज्यादा चिंतित हैं कि उन्होंने हर कैंपों में आईटी सेक्टर के दो आदमी लगाए हैं। जो राहत शिविर में आने वाली किसी भी प्रॉब्लम की जानकारी सीएमओ तक पहुंचा रहे हैं। और उस समस्या को ठीक करवा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इन कैंपों के जरिए सरकार के पास राजस्थान के लोगों का डेटाबेस तैयार हो जाएगा। जो चुनाव की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार के पास राजस्थान की पूरी जनता का डेटाबेस तैयार होगा तो चुनाव के दौरान सरकार उनसे मोबाइल नंबरों के आधार पर संपर्क साध सकती है या खुद का प्रचार कर सकती है।
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