राजस्थान में पूर्व उप सीएम सचिन पायलट की भ्रष्टाचार के खिलाफ जन संघर्ष यात्रा का अलवर शहर से आगाज हो गया। इस यात्रा में कांग्रेस नेता तो शामिल नहीं हुए लेकिन इतना जनसैलाब उमड़ा की कांग्रेसी नेताओं के छक्के छूट गए। इसका असर दिल्ली तक दिखा।
जयपुर (jaipur news). सचिन पायलट ने एक महीने में ही दूसरी बार अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पांच दिन की संघर्ष यात्रा शुरू कर दी गई है। कल उसका पहला दिन था और यह अजमेर से शुरू हुआ है। अजमेर से पांच दिन में यह संघर्ष यात्रा जयपुर पहुंचेगी और उसके बाद जयपुर आकर यह यात्रा समाप्त होगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ निकाली जा रही इस यात्रा में वैसे तो सचिन पायलट के साथ कोई बड़ा नेता शामिल नहीं है, लेकिन कल जब पायलट के साथ समर्थकों की भीड़ दिखी तो इससे राजस्थान के कांग्रेसी नेताओं के छक्के जरूर छूट गए। यही कारण है कि कल शाम तक इस यात्रा को मजाक समझने वाले राजस्थान के बड़े नेताओं को आज दिल्ली में तलब किया गया हैं। संभव है कि आज पायलट के खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता हैं।
मुद्दा है भ्रष्टाचार का लेकिन निशाने पर है अपनी सरकार
दरअसल पायलट ने कुछ दिन पहले जयपुर में शहीद स्मारक के बाहर एक दिन का धरना दिया था। इस धरने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी चल रही थी लेकिन बताया जा रहा है कि गांधी परिवार से मिले मैसेज के बाद इस कार्रवाई को रोक दिया गया। लेकिन इस बार फिर पांच दिन के लिए सचिन ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मुद्दा भ्रष्टाचार है , लेकिन निशाने पर गहलोत, डोटासरा समेत अन्य बड़े नेता है।
समर्थकों की भीड़ ने कांग्रेस आलाकमान की बढ़ाई चिंता
हांलाकि पायलट की भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही इस जंग में उनके समर्थक बड़े नेताओं ने भी उनका साथ नहीं दिया है। लेकिन पायलट के साथ लगातर बढ़ रही समर्थकों की भीड़ से आलामकान बैचेन हैं। राजस्थान के प्रदेश प्रभारी जसविंदर सिंह रंधावा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत कुछ अन्य बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया है और इस मामले में आगे की कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
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