राजस्थान कांग्रेस में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच जारी विवाद को दिल्ली में हुई आलाकमान की बैठक में सुलह का रास्ता निकाल लिया गया। हालांकि इसके बाद भी आलाकमान के सामने दोनों ही दिखे अलग अंदाज में।
जयपुर, 30 मई. राजस्थान में पिछले करीब 3 साल से चली आ रही कांग्रेस के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट गुट के बीच का विवाद अब थमता सा नजर आ रहा है। दरअसल बीती रात कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर दोनों की राहुल गांधी, राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, केसी वेणुगोपाल और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ करीब 4 घंटे तक बैठक हुई। हालांकि इस बैठक में क्या बातचीत हुई। इस बारे में किसी को नहीं पता लेकिन कांग्रेस के आलाकमान ने ही इस मामले में कहा है कि राजस्थान में दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे और सरकार को रिपीट करेंगे।
दिल्ली दरबार में हुई सचिन पायलट और सीएम गहलोत विवाद को लेकर मीटिंग
4 घंटे चली बैठक के बाद केसी वेणुगोपाल सीएम अशोक गहलोत सचिन पायलट और कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ मुस्कुराते हुए मल्लिकार्जुन के घर से बाहर निकले। इस दौरान सीएम के चेहरे पर तो मुस्कान थी। लेकिन सचिन पायलट अलग ही तरह की चुप्पी साधे हुए थे। हालांकि बीच में एक दो बार वह भी हंसे लेकिन लंबे समय तक नहीं। केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दोनों ही नेता साथ मिलकर राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत कर कर चुनाव लड़ेंगे। पार्टी भाजपा से लड़ने का काम करेगी। हालांकि अभी गहलोत और पायलट की आलाकमान से एक बार बात होना और जरूरी है। उसके बाद पूरी स्थिति क्लियर हो पाएगी।
सीएम गहलोत और पायलट के बीच हुई सुलह या पिक्चर अभी भी बाकी
वहीं केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को बातचीत में यह तो कह दिया कि अब दोनों नेताओं के बीच कोई भी गिला शिकवा नहीं है। लेकिन इस बारे में नहीं बताया कि दोनों के बीच आखिर समझौता क्या हुआ है। आपको बता दें कि बीते दिनों सचिन पायलट ने पहले तो अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन किया और फिर जन संघर्ष यात्रा निकाली। जिनमें उनकी मांगी थी कि वसुंधरा राजे सरकार के समय हो भ्रष्टाचार की जांच हो। पेपर लीक के मामलों में जांच हो। हालांकि इस पर भी स्पष्ट नहीं हुआ कि क्या आलाकमान ने यह मांगे मान ली है।
वहीं इस बैठक के शुरू होने के पहले कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों गुटों के बीच विवाद सुलझाने के लिए आलाकमान सचिन पायलट को कोई नई जिम्मेदारी संगठन या सत्ता में दे सकता है। लेकिन अभी तक ऐसा कोई भी आदेश संगठन या पार्टी की ओर से जारी नहीं किया गया है। ऐसे में अब देखना होगा कि आखिरकार सचिन पायलट की क्या भूमिका रहती है।
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