राजस्थान में बजट से ठीक पहले आखिर साधु-संतों को क्यों सता रहा जान का डर, सरकार को तगड़ी चेतावनी

Published : Feb 09, 2023, 06:50 PM IST
Jaipur news Demand for priest protection bill in Rajasthan before the presentation of the budget

सार

राजस्थान में 9 फरवरी को अशोक गहलोत सरकार इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने वाली है। इस बार का बजट सबसे अलग होगा, क्योंकि कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव हैं। वहीं साधु-संतों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पुजारी प्रोटक्शन बिल की मांग की है। 

जयपुर. राजस्थान में पिछले 2 साल के दौरान करीब एक दर्जन साधु ,संतों , पुजारियों की या तो हत्या कर दी गई या फिर उन्हें इतना टॉर्चर किया गया कि उन्होंने खुद की जान दे दी। फिर चाहे भरतपुर हो, जयपुर हो , उदयपुर हो या अन्य कोई शहर । संतो और साधुओं पर होने वाले हमलों की संख्या राजस्थान में बढ़ती जा रही है । यही कारण है कि आज जयपुर में साधु-संतों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्होंने बजट में पुजारी प्रोटेक्शन बिल लाने की मांग की है। यह मांग पिछले कई महीनों से की जा रही है और सरकार ने भी इसे लेकर आश्वस्त किया है , लेकिन अभी तक इस मामले में कोई अपडेट सरकार ने नहीं दिया है ।

पुजारी प्रोटक्शन बिल की मांग हो रही मजबूत

साधु-संतों , पुजारियों का कहना है कि अगर सरकार बिल से संबंधित बातें नहीं मानती है तो वे लोग विधानसभा की तरफ कूच करेंगे । उसके बाद चाहे जान को ही नुकसान क्यों ना हो। इस बारे में आज जयपुर के प्रेस क्लब में विप्र महासभा राजस्थान और श्री परशुराम सेना के साथ अन्य संगठनों में अपनी बात रखी ।

पूजा पाठ की परंपराओं से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं

राजस्थान की प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गलता कुंड के पीठाधीश्वर अवधेश आचार्य ने मंदिरों से जुड़ी परंपराओं से छेड़छाड़ करने को अनुचित ठहराया। उन्होंने कहा कि मंदिरों से जुड़ी हुई परंपराओं को बदलना उचित नहीं है। वह शुरू से जैसे चलती आ रही है उनका वैसे चलना ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि मंदिरों में ब्राह्मण वर्ग के लोग काम कर रहे हैं, लेकिन उन पर अलग-अलग समाज के लोग दबाव बनाते हैं । अगर किसी मंदिर से जुड़ी हुई जमीन है तो उस जमीन को हड़पने की कोशिश करते हैं । मंदिर में अपनी दखल देने का प्रयास करते हैं। यह सर्वथा अनुचित है। पूजा पाठ की परंपराओं से छेड़छाड़ को समाज बर्दाश्त नहीं करेगा ।

पुजारियों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम

उन्होंने कहा कि 13 फरवरी को पुजारी प्रोटेक्शन बिल की मांग सहित अन्य मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करेंगे। अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुजारी प्रोटेक्शन बिल के बारे में आने वाले बजट में ही घोषणा कर देते हैं तो यह घेराव टाल दिया जाएगा ।

राजस्थान में लगातार हो रहे संत समाज पर हमले

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पंडित, पुजारी, धर्मगुरु , कथावाचक आदि पर लगातार हमले हो रहे हैं । उनकी प्रोटेक्शन के लिए ही बिल की मांग की जा रही है। जिसमें मंदिर के पुजारियों के वेतन , मंदिर की व्यवस्था और प्रसाद के लिए भी करीब ₹10000 का भत्ता सरकार से मांगा जा रहा है । साथ ही सुरक्षा के प्रावधान बिल्कुल साफ जाहिर करने की बात कही गई है। इसके अलावा मंदिरों से जुड़ी हुई जमीनों को संरक्षण देने की भी मांग की गई है ।

देशभर के साधुओं को जमा करने का किया आग्रह

श्री परशुराम सेना के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चतुर्वेदी ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार अगर हमारी मांगे नहीं मानती है, तो हम देश भर से साधु-संतों को जयपुर आने का आग्रह करेंगे और उसके बाद बड़ी संख्या में साधु संत विधानसभा की ओर कूच करेंगे। यह तय है कि अब साधु-संतों की बेवजह मौत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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