राजस्थान में कांग्रेस सरकार द्वारा राइट टू हेल्थ बिल पास करने से पहले ही इसका विरोध निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है, जो कि बिल पास होने के बाद भी जारी है। अब इसमें सरकारी डॉक्टरों के भी शामिल होने की खबरें सामने आ रही है। जानिए वजह।
जयपुर (jaipur news). राजस्थान में 21 मार्च को विधानसभा में पास हुए राइट टू हेल्थ बिल का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। बिल के विरोध में राजस्थान में पिछले करीब 7 दिनों से डॉक्टर हर जिले में पड़ाव पर बैठे हुए हैं। वही पिछले करीब 6 दिनों से राजस्थान के समस्त प्राइवेट हॉस्पिटल भी बंद पड़े हैं। जिसके चलते अब सरकारी हॉस्पिटल में मरीजों की भारी भीड़ लगना शुरू हो चुकी है। लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। जिससे कि राजस्थान की पूरी चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ा सकती है।
सरकारी डॉक्टर भी दे सकते है सपोर्ट
दरअसल अब राजस्थान के प्राइवेट डॉक्टर्स को अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के बैनर तले प्रदेश के करीब 14 हजार सरकारी डॉक्टर भी समर्थन दे सकते है। संघ के डॉक्टर अजय चौधरी का कहना है कि 29 मार्च को सुबह 9 बजे से सरकारी डॉक्टर से छुट्टी पर चले जाएंगे। बताया जा रहा है कि राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के इस बयान के बाद ही सीएम अशोक गहलोत ने देर रात चिकित्सा विभाग से जुड़े अधिकारियों की आपातकालीन बैठक बुलाई।
सरकारी डॉक्टर भी हड़ताल से बिगड़ सकते है हालात
वहीं अब यदि सरकार 29 मार्च से पहले इस बिल को लेकर कोई रास्ता नहीं निकाल पाती है तो राजस्थान में 29 मार्च को पूरी तरह से चिकित्सा व्यवस्था गड़बड़ आने वाली है क्योंकि आंदोलन में उतरे प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालकों के बाद अब करीब 14 हजार सरकारी डॉक्टर भी हड़ताल करेंगे। आपको बता दें कि हड़ताल शुरू होने के बाद सरकारी हॉस्पिटलों में लगातार ओपीडी में इजाफा होता जा रहा है लेकिन यदि 29 मार्च को सरकारी डॉक्टर भी हड़ताल पर चले जाते हैं तो राजस्थान में कई मौतें बेमौत ही होगी।
ऐसे में अब देखना होगा कि सरकार क्या कदम लेती है। वही सरकार की बात करें तो सरकार अब आंदोलन कर रहे प्राइवेट हॉस्पिटलों के खिलाफ एक्शन लेने के मूड में है। जिन्हें जिले के प्राइवेट हॉस्पिटल की लिस्ट मंगवा ली है।
इसे भी पढ़े- धरने पर बैठे डॉक्टर्स के खिलाफ सरकार उठाने जा रही है बड़ा कदम: पुलिस ने तैयार कर ली है डॉक्टर्स की लिस्ट