
जयपुर. इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। दूल्हा यदि सरकारी नौकरी वाला है तो लड़की वाले शादी तो बेहतर करते ही हैं। इतना ही नहीं अपनी बेटी को दहेज भी काफी देते हैं। लेकिन राजस्थान में कुछ दूल्हे ऐसे भी है जो दहेज न लेकर समाज को अच्छा संदेश देते हैं। कुछ ऐसा ही संदेश सरकारी कर्मचारी दीपक कुमार ने दिया है। जिनकी वाहीवाही हर तरफ हो रही है।
राजेश कुार मूल रूप से भादरा तहसील के बिजनेसमैन विनोद कुमार के बेटे हैं। इनकी शादी स्कूल प्रिंसिपल इंद्राज महला की बेटी ज्योति के साथ हुई है। शादी के बाद जब विदाई का वक्त आया तो दुल्हन के घरवालों ने दहेज का सामान दिया। लेकिन तभी दूल्हे दीपक ने वह दहेज लेने से मना कर दिया। केवल लड़की के घरवालों से 1 रुपया और नारियल लेकर दुल्हन को अपने घर पर लेकर आ गए। इसके बाद अब राजस्थान की यह शादी काफी चर्चा में आ चुकी है।
दूल्हे दीपक का कहना है कि उन्होंने पहले ही मानस बना लिया था कि ससुराल से दहेज नहीं लेना है। उनकी पत्नी घर में लक्ष्मी के रूप में आई है। उनके लिए वही सबसे बड़ा धन है। दूल्हे दीपक और उनके परिवार का कहना है कि वर्तमान समय में शादियों में फिजूलखर्ची और दहेज लेने-देने का सिलसिला काफी ज्यादा बढ़ चुका है।
संपन्न परिवारों के लिए आसान होता है लेकिन गरीब पिता यदि अपने बेटियों की शादी करता तो उसे कई बार कर्ज लेकर भी दहेज देना पड़ता है। जिसे चुकाने में जिंदगी गुजर जाती है। ऐसे में समाज को इस कुरीति को खत्म ही कर देना चाहिए।
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