जयपुर (राजस्थान). जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए भीषण अग्निकांड में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 32 घायलों का इलाज जयपुर के एसएमएस अस्पताल में जारी है। हादसे में घायल हुए कई लोगों की हालत बेहद गंभीर है, जिनमें से कुछ वेंटिलेटर पर हैं। डॉक्टर्स पूरी कोशिश कर रहे हैं कि गंभीर रूप से झुलसे लोगों की जान बचाई जा सके। हादसे को 24 घंटे से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन अभी भी लोगों का मरने का सिलसिल जारी है। बताया जा रहा है कि मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। इस बीच, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया है।
कैसे हुआ हादसा? भांकरोटा के पास शुक्रवार सुबह एक एलपीजी टैंकर में ट्रक की टक्कर के बाद गैस लीक हो गई। लीक हुई गैस में आग लगने से यह हादसा हुआ। आग इतनी भयानक थी कि 300 मीटर के दायरे में बस, ट्रक, कार और बाइक सहित 37 वाहन जलकर खाक हो गए। मौके पर चीख-पुकार मच गई, और कुछ लोग अपने वाहनों से बाहर निकलने में असमर्थ रहे। प्रशासन का कहना है कि कई शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है।
एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के लापता होने की भी खबर है। उनकी कार घटनास्थल पर मिली, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल सका है। प्रशासन उनकी तलाश में जुटा हुआ है।
सरकार का मुआवजे का ऐलान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर दुख जताते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की मदद देने का ऐलान किया है।
अब मुख्यमंत्री ने इस तरह के हादसों को रोकने के लिए विशेष उपाय करने और हाईवे पर सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की बात कही है। यह हादसा एक बड़ी त्रासदी के रूप में दर्ज हुआ है, जिसने सड़कों पर सुरक्षा की गंभीर स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।