राजस्थान में नई सरकार के खिलाफ पहली बार पटरियों पर आंदोलन, लोगों ने दी कड़ी चेतावनी

राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों ने बुधवार को जायचौली रेलवे स्टेशन पर महापड़ाव आंदोलन शुरू कर दिया है। बता दें कि भजनलाल सरकार के खिलाफ यह पहला आंदोलन है।

भरतपुर. राजस्थान में सरकार बने हुए एक महीने का समय हो चुका है। इसी बीच राजस्थान में अब बड़ा आंदोलन शुरू हो चुका है। आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों ने बुधवार को भरतपुर के जायचौली रेलवे स्टेशन पर महापड़ाव शुरू कर दिया है। आगामी 5 दिनों तक यह रेलवे स्टेशन पर महापड़ाव डालेंगे। लेकिन इसके बाद भी उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो वह ट्रेन रोकने और रेलवे ट्रैक को उखाड़ने का काम करेंगे।

महापड़ाव शुरू करने की दी चेतावनी

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आंदोलन समिति के नेमसिंह का कहना है कि 7 जनवरी को हमने भरतपुर के डीग में सभा की थी। जिसमें निर्णय किया गया था कि 10 दिन में केंद्र सरकार हमारे आरक्षण की मांग पूरी नहीं करती है तो महापड़ाव शुरू कर देंगे। सरकार ने कोई भी सुध नहीं ली।

22 जनवरी तक गांधीवादी से आंदोलन, फिर होंगे उग्र

इसके बाद हमने यह आंदोलन शुरू किया है। 22 जनवरी तक गांधीवादी तरीके से आंदोलन होगा लेकिन यदि इसके बाद भी हमारी सुनवाई नहीं होती है तो आंदोलन उग्र हो जाएगा और यदि उससे कोई भी नुकसान होगा तो उसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। फिलहाल मौके पर करीब डेढ़ सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी सहित अन्य सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल भरतपुर और धौलपुर जिले के जाट समाज के लोगों को आरक्षण देने की मांग 1998 से चल रही है। 2013 में इन्हें आरक्षण दे भी दिया गया लेकिन 2014 में केंद्र की भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 2015 में केंद्र और राज्य से इनका ओबीसी आरक्षण खत्म करवा दिया। जिसके चलते 2017 में भी आंदोलन हुआ था।

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