राजस्थान के झालावाड़ जिले के एक किसान परिवार के बेटे शिवराज तंवर ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर सरकारी नौकरी में बड़ी उपलब्धि हासिल की है।सरकारी नौकरी की तैयारी की और प्रयोगशाला सहायक, थर्ड ग्रेड टीचर और अब वरिष्ठ अध्यापक के पद पर चयनित हुए।
झालावाड़. राजस्थान भले ही आज की खेती के लिए पहचाना जाता हो लेकिन यहां के किसानों के बेटे सरकारी स्कूलों में पढ़ने के बाद भी सरकारी नौकरी में ऊंचे पदों पर नौकरी लग जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है राजस्थान के झालावाड़ जिले के रहने वाले शिवराज तंवर की।
किसान का बेटा हर परीक्षा में आता था अव्वल
जिनका जन्म दास्ता कस्बे में हुआ। इन्होंने स्कूल की पढ़ाई गांव में ही की। हमेशा से पढ़ाई में अव्वल शिवराज को आठवीं में 80% से ज्यादा अंक मिले। इस दौरान सरकार ने इन्हें लैपटॉप दिया। इसके बाद कक्षा दसवीं और बारहवीं में भी शिवराज अव्वल श्रेणी में रहे। इन्हें दसवीं में 81.5 और 12वीं में 86.6% अंक हासिल हुए।
एक साथ मिली यह तीन सरकारी नौकरियां
12वीं कक्षा पास करने के साथ कॉलेज की पढ़ाई तो शिवराज ने की ही और इसके साथ ही सरकारी नौकरी की तैयारी करना भी शुरू किया। साल 2023 में उनका चयन प्रयोगशाला सहायक भर्ती में हुआ। इसके बाद थर्ड ग्रेड टीचर और हाल ही में 2024 में आरपीएससी द्वारा आयोजित वरिष्ठ अध्यापक भर्ती संस्कृत शिक्षा विभाग में साइंस स्ट्रीम में इन्होंने 22 वीं रैंक हासिल की है।
शिवराज ने बताए अपनी सफलता के मंत्र
इसके बाद शिवराज का नाम काफी सुर्खियों में है। भले ही इनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ हो लेकिन आज उनके संघर्षों से हर एक युवा मोटिवेट हो रहा है। शिवराज कहते हैं कि जीवन में कभी भी असफलता से हार नहीं माननी चाहिए। असफलता से ही हमें सफलता हासिल होती है। इसलिए हमें पूरा प्रयास करते रहना चाहिए। सफलता एक न एक दिन हमें जरूर मिलेगी।