Jhalawar Drug Racket : राजस्थान के झालावाड़ में मासूम बच्चों और महिलाओं को ढाल बनाकर मादक पदार्थ स्मैक की तस्करी का बड़ा रैकेट पकड़ा गया। पुलिस ने 1.574 किलोग्राम स्मैक बरामद की, जिसकी कीमत 3 करोड़ रुपये से अधिक है।
Jhalawar News : राजस्थान के झालावाड़ जिले में पुलिस ने एक ऐसा संगठित रैकेट पकड़ा है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। नशे की तस्करी को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने मासूम बच्चों और महिलाओं को ढाल बना लिया था, ताकि शक न हो और आसानी से खेप अपने गंतव्य तक पहुंच सके। लेकिन जिले की चौकस पुलिस ने इस चाल को भांपते हुए पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया।
इको कार से बरामद हुई करोड़ों की स्मैक
जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने जानकारी दी कि थाना असनावर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक वाहन में भारी मात्रा में मादक पदार्थ जयपुर ले जाया जा रहा है। इस पर देर रात अकलेरा रोड पर नाकाबंदी की गई। पुलिस ने जब एक संदिग्ध इको कार को रोका तो उसमें दो पुरुष और चार महिलाएं सवार थे। पहली नजर में सब सामान्य दिखा क्योंकि एक महिला की गोद में बच्चा भी था। लेकिन तलाशी लेने पर सीटों के नीचे और छिपे खानों से 1.574 किलोग्राम स्मैक बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत करीब 3 करोड़ 15 लाख रुपये बताई गई।
मास्टरमाइंड तक पहुंची झालावाड़ पुलिस
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि यह खेप उन्हें घाटोली निवासी हेमंत तंवर से मिली थी और इसे जयपुर के रामनगर में रहने वाले राजू उर्फ राजेश को सौंपना था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत दो टीमें बनाई। एक टीम ने घाटोली जाकर मुख्य आपूर्तिकर्ता हेमंत तंवर को दबोचा, जबकि दूसरी टीम ने जयपुर में छापा मारकर राजू उर्फ राजेश को हिरासत में ले लिया।
प्रारंभिक पूछताछ में यह तथ्य सामने आया कि तस्कर अक्सर महिलाओं और बच्चों को साथ लेकर यात्रा करते थे। उनका मानना था कि इस तरीके से वे पुलिस की जांच से बच जाएंगे। लेकिन इस बार उनकी यह चाल कामयाब नहीं हो पाई।
कौन हैं झालावाड़ के यह आरोपी
पुलिस ने इस मामले में गोरधन तंवर, फुलचंद भील, अंजना बाई, कैला बाई, ममता बाई और गीता बाई को गिरफ्तार किया है। वहीं हेमंत तंवर और राजू उर्फ राजेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस तस्करी के तार किन-किन जगहों से जुड़े हैं और इतनी बड़ी मात्रा में स्मैक की सप्लाई कहां की जानी थी।
पुलिस टीम इस ऑपरेशन को सफल बनाने वाली पुलिस टीम में असनावर थाने, कोतवाली थाना और जिला स्पेशल टीम के जवान शामिल रहे। विशेष रूप से हेड कांस्टेबल सुरेंद्र गुर्जर और उनकी टीम की सतर्कता से ही यह कार्रवाई संभव हो पाई। यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस की उस मुहिम का हिस्सा है जिसमें प्रदेशभर में नशे के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है।
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