
झुंझुनूं, (राजस्थान). Operation Sindoor india pakistan conflict live news : भारत-पाकिस्तान सीमा पर हुए हमले में शहीद हुए मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट सुरेंद्र कुमार मोगा का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक गांव मेहरादासी पहुंचा। जैसे ही तिरंगे में लिपटे शहीद को गांव लाया गया, वहां का माहौल गमगीन हो गया। चारों ओर ‘शहीद अमर रहें’ के नारों के बीच हर आंख नम थी।
शहीद की 11 वर्षीय बेटी वर्तिका ने जब अंतिम दर्शन किए, तो उसकी आंखों में आंसू और दिल में बदला लेने का जज्बा साफ दिखा। उसने कहा, "मुझे अपने पापा पर गर्व है। वह देश के लिए शहीद हुए। मैं भी बड़ी होकर फौज में जाऊंगी और पापा का बदला लूंगी। पाकिस्तान का नामोनिशान मिटा दूंगी।" वर्तिका के इस बयान ने वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम कर दीं। इस छोटी बच्ची का साहस और देशभक्ति देखकर लोग दंग रह गए। उसने बताया कि शहीद होने से कुछ घंटे पहले रात 9 बजे पापा से आखिरी बार बात हुई थी। उन्होंने कहा था—"ड्रोन उड़ रहे हैं, लेकिन मैं सुरक्षित हूं।"
उधमपुर के 39 विंग एयर बेस में तैनात शहीद सुरेंद्र मोगा ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान की तरफ से हो रहे हमलों के दौरान शहीद हुए। उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
पत्नी सीमा बेसुध हैं, लेकिन बेटी वर्तिका की देशभक्ति और दृढ़ संकल्प ने पूरे गांव को गर्व से भर दिया है। यह घटना सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का दर्द है, जहां हर बेटी अब वर्तिका बनकर अपने पापा का बदला लेने को तैयार है।
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