अलवर. राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष, टीकाराम जूली ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की खानों के बंद होने का मुख्य कारण प्रदेश की ‘डबल इंजन सरकार’ है। जूली ने आरोप लगाया कि दोनों सरकारों की लापरवाही के कारण प्रदेश में 23 हजार खनन इकाइयां बंद होने के कगार पर हैं, जिससे 15 लाख लोगों का रोजगार संकट में आ गया है। उनका कहना था कि एनजीटी (राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण) द्वारा दी गई 7 नवंबर की अंतिम तिथि के बाद, खानों पर स्वचालित रूप से ताले लग जाएंगे, क्योंकि राज्य स्तरीय पर्यावरण कमेटी का गठन अभी तक नहीं हो पाया है।
टीकाराम जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल की सरकार खनिज उद्योग की अनदेखी कर रही है, जबकि वे 'राइजिंग राजस्थान' और विदेशी निवेश की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। जूली का आरोप था कि राज्य सरकार की लापरवाही के कारण खनन उद्योग संकट में है और श्रमिकों की आजीविका खतरे में पड़ गई है। उनका कहना था कि सरकार को तत्काल इस मुद्दे पर ध्यान देकर खनन उद्योग को पुनः पटरी पर लाना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राजस्थान के खनिज संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग करने के लिए सरकार को एक स्पष्ट नीति बनानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की ओर से इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से खनन क्षेत्र में निराशा का माहौल बना हुआ है।
जूली ने सरकार से मांग की कि राज्य स्तरीय पर्यावरण कमेटी का गठन जल्द से जल्द किया जाए ताकि खनन उद्योग को नुकसान से बचाया जा सके। साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो प्रदेश में रोजगार संकट और बढ़ सकता है।
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