देश में डिजिटल क्रांति ने अधिकांश चीजों को डिजिटल कर दिया है तो अब रेलवे भी इससे पीछे नहीं है। इसके तहत राजस्थान के कुल 164 स्टेशन पर क्यूआर कोड सिस्टम की शुरुआत की गई, जिसकी मदद से यात्री आसानी से टिकट ले सकते हैं।
राजस्थान न्यूज। राजस्थान में जोधपुर मंडल के अधीन आने वाले 164 रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए क्यूआर कोड लगाया गया है, जिसे स्कैन करके ऑनलाइन भुगतान की मदद से टिकट खरीद सकते हैं। ये फैसिलिटी डेगाना, नागौर,मेड़ता, बाड़मेर जोधपुर सहित कई अन्य स्टेशन पर दी गई है। हालांकि रेलवे द्वारा पूर्व में शुरू की गई UTS एप,ATVM क्यूआर कोड की सुविधा भी यथावत रहेगी। पहले से रेलवे स्टेशन पर वेंडर मशीनें भी लगाई हुई है। जिनमें एक प्राइवेट व्यक्ति भुगतान लेकर टिकट काट कर देता। लेकिन इस प्रक्रिया में भी टिकट खिड़की जितना ही समय लग जाता है। इसलिए रेलवे ने क्यूआर कोड की शुरुआत की है।
उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल के वाणिज्य प्रबंधक विकास खेड़ा बताते हैं-"फिलहाल प्रदेश में 164 स्टेशन पर क्यूआर कोड सिस्टम शुरू किया गया है। जल्द ही प्रदेश के अन्य रेलवे स्टेशन पर भी इसे शुरू किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों को राहत देना और उनके समय की बचत करना है। इससे यात्री ऑनलाइन भुगतान कर टिकट आसानी से ले सकेंगे।"
राजस्थान में रेलवे स्टेशनों की संख्या
बता दें कि राजस्थान में छोटे-बड़े कुल 500 से ज्यादा स्टेशन है। जहां रोजाना करीब 4 से 5 लाख लोग यात्रा करते हैं। इनमें से करीब तीन लाख लोग ऐसे हैं, जो सामान्य टिकट पर यात्रा करते हैं। इनमें ज्यादातर नौकरी पेशेवर और स्टूडेंट होते हैं।
UPI की मदद से गलत ट्रांजेक्शन की आशंका रहेगी कम
राजस्थान के जिन रेलवे स्टेशनों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं। वहां से कोई भी यात्री अनारक्षित टिकट काउंटरों पर UPI (पेटीएम, गूगल पे,फोन पे) की मदद से किराए का भुगतान कर सकता है, जिससे गलत ट्रांजेक्शन की आशंका भी नहीं रहेगी। बता दें कि इसी तर्ज पर देश के कई शहरों में मौजूद मेट्रो स्टेशन पर यात्री क्यूआर कोड की मदद से टिकट खरीदते है। इतना ही नहीं WhatsApp के जरिए भी टिकट खरीदने की सुविधा दी गई है।
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