जोधपुर (राजस्थान). जोधपुर शहर में छह महीने के एक नवजात की जान डॉक्टरों की सतर्कता और कुशलता से बचाई गई। बच्चे को जन्मजात दिल की गंभीर बीमारी ...कंप्लीट हार्ट ब्लॉक... थी, जिसमें दिल की धड़कन सामान्य से बेहद कम हो जाती है। आमतौर पर नवजात के दिल की धड़कन प्रति मिनट 100 से 120 के बीच होती है, लेकिन इस बच्चे का दिल केवल 36 बार ही धड़क रहा था। इतनी कम धड़कन पर जीवित रहना लगभग असंभव था।
प्रतापनगर स्थित रेडिएंट चिल्ड्रन हॉस्पिटल में शिशु हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु त्यागी और उनके सहयोगियों ने बच्चे को पेसमेकर लगाकर जीवनदान दिया। डॉ. त्यागी के अनुसार, बच्चे के दिल की रक्त प्रवाह क्षमता भी सामान्य से बेहद कम थी। इससे बच्चे को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी और तुरंत पेसमेकर लगाना आवश्यक था।
बच्चे का वजन केवल 4.5 किलो था, इसलिए खून की नली के जरिए पेसमेकर लगाना संभव नहीं था। बच्चों के हार्ट सर्जन डॉ. श्यामवीर ने बच्चे की छाती खोलकर हार्ट पर तारों के माध्यम से पेसमेकर का प्रत्यारोपण किया। नवजातों में इस तरह की सर्जरी दुर्लभ होती है, लेकिन टीम ने यह चुनौती सफलतापूर्वक पूरी की। पेसमेकर की लागत 1.5 से 2.5 लाख रुपये होती है, जबकि ऑपरेशन, एनेस्थीसिया और आईसीयू का खर्च अलग से होता है। अहमदाबाद या दिल्ली जैसे बड़े शहरों में यह खर्च 5 से 8 लाख रुपये तक पहुंच सकता था। रेडिएंट स्माइलिंग किड्स फाउंडेशन ने बच्चे का सारा खर्च वहन किया।
ऑपरेशन के बाद बच्चे को पेसमेकर से 110 धड़कन प्रति मिनट प्रदान की जा रही है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य जीवन जी सकता है।