राजस्थान में वकीलों की हड़ताल है जारी फिर भी इस शख्स को मिली जमानत, जानिए कैसे हुआ ये सब संभव

राजस्थान में जोधपुर में हुए वकील की हत्या के बाद जो बवाल मचा था उसके बाद प्रदेश के वकील हड़ताल पर बैठे है कोई केस नहीं लड़ रहा है। वहीं इसी बीच एक ऐसा शख्स सामने आया जिसने ना सिर्फ जमानत ली बल्कि अपनी सजा भी सस्पेंड करा दी। पढ़ें अजब गजब केस।

जोधपुर (jodhpur news). राजस्थान के जोधपुर शहर में पिछले दिनों एक वकील की हत्या कर दी गई। वकील जुगराज चौहान को बीच सड़क अनिल और मुकेश नाम के दो भाईयों ने इतने चाकू मारे कि वकील को अस्पताल पहुंचाने से पहले ही मौत हो गई। इस घटना के बाद से प्रदेश भर के वकील हड़ताल पर हैं और हड़ताल लंबी खींच रही है। जेलों में बंद लोगों की जमानतें अटक रही हैं, न्यायिक काम ठप्प हैं। वकील कोर्ट नहीं जा रहे हैं और केसों की पैरवी भी नहीं कर रहे हैं। फिर भी राजस्थान के इस शख्स ने जमानत पा ली और वह भी रेप जैसे गंभीर केस में, जमानत तो मिली ही मिली..... साथ ही सजा भी सस्पेंड कर दी गई है।

20 साल पहले दर्ज हुआ था केस, तब से चल रही सुनवाई

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85 साल के ये बुजुर्ग हैं बीजेपी से पूर्व विधायक भंवर सिंह राजपुरोहित....। भंवर सिंह पर करीब बीस साल पहले रेप का केस दर्ज हुआ था। उसके बाद केस चला भी लेकिन चलता ही चला गया.....। फिर भंवर सिंह की सरकार बनी और वे बीजेपी से विधायक चुन लिए गए। फिर उसके बाद हाल ही में उनको दस साल की जेल और एक लाख का जुर्माना सजा सुनाई गई। 85 साल के भंवर सिंह व्हील चेयर पर जेल में पहुंचे और उसी रात बीमार भी हो गए। बाद में जेल अस्पताल वार्ड में भर्ती कराया गया।

सुनवाई को नहीं मिला वकील, तो बेटे ने किया ये काम

अब उनकी जमानत की बात शुरू हुई। पता चला वकील हैं ही न हीं, जो वकील पैरवी करना चाह रहे थे उनको भी अन्य वकीलों ने रोक दिया। केस जोधपुर में चल रहा था और जोधपुर कोर्ट में पैरवी करनी थी। गुरुवार को भंवर सिंह के बेटे दीपेन्द्र सिंह और उनकी बेटी जमाई मधुसूदन सिंह कोर्ट पहुंचे और कोर्ट में पैरवी करने की गुजारिश की। कोर्ट ने अनुमति दे दी तो उसके बाद पैरवी शुरू की गई।

ना सिर्फ जमानत मिली बल्कि सजा भी सस्पेंड हुई

कोर्ट को बताया गया कि केस करीब बीस साल पुराना है। पीडिता ने सात महीने के बाद केस दर्ज कराया था। पुलिस जांच कर चुकी है और एफआर भी पेश कर चुकी है। ऐसे में इस मामले को अब राजनीति रंजिश के कारण खींचा जा रहा है। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से सुना और उसके बाद अपना फैसला सुनाया। भंवर सिंह को जमानता तो मिली ही मिली, उनकी दस साल की सजा भी सस्पेंड कर दी गई है।

इस तरह से अपने केस में पैरवी कर सकते हैं आप भी

यदि आपको अपने केस के लिए कोई वकील नहीं मिल रहा है तो आप कोर्ट जाकर वहां के जज को जानकारी देने के बाद उनकी आज्ञा लेकर खुध के मुकदमे में स्वयं पैरवी कर सकते हैं। इसके लिए आपको कानूनी धाराओं का ज्ञान होना साथ ही साधारण तर्क करने का ज्ञान और हिंदी पर पकड़ ताकि दलीलों को प्रभावी बना सके। यदि आपको फिर भी जज द्वारा वकील हायर करने को कहा जाता है तो आप पुलिस कर्यवाही खुद पैरवी करने के साथ केस की ड्राफ्टिंग करने का प्रॉपर समय मिले।

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