सिरोही में 27 दिन के बच्चे को कुत्तों द्वारा खाने का मामलाः हॉस्पिटल PMO को कर दिया एपीओ, नर्सिंग स्टाफ पर एक्शन

राजस्थान के सिरोही शहर में एक सरकारी हॉस्पिटल के टीबी वार्ड में से 27 दिन के मासूम को कुत्तो द्वारा जान से मारने के मामले में सरकार ने ऐसा एक्शन लिया जो किसी ने नहीं सोचा था। हॉस्पिटल पीएमओ को किया APO तो एक नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ लिया एक्शन।

सिरोही (sirohi news). राजस्थान के सिरोही जिले में 27 दिन के बच्चे को कुत्तों के द्वारा खा लेने के मामले के बाद अब बड़ा बवाल हुआ है। जिस जिला अस्पताल से बच्चे को कुत्ते उठा ले गए थे उस अस्पताल के पीएमओ को अब एपीओ (Awaiting posting order) कर दिया गया है। उनकी जगह अस्पताल के ही एक चिकित्सक को प्रमोट कर फिलहाल पीएमओ का अतिरिक्त जार्च दिया गया है। इस घटना के बाद से सरकार पर लगातार दबाव था और अब सरकार ने इस मामले में पहले एक नर्सिंग स्टाफ और अब पीएमओ के खिलाफ एक्शन लिया है।

पति का इलाज कराने आई थी पत्नी के पास सो रहे बच्चे को ले गए कुत्ते

Latest Videos

दरअसल सिरोही जिले में रहने वाले महेन्द्र मीणा सिलकोसिस बीमारी से पीडित था। वह चार पांच दिन पहले सिरोही के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। देखभाल करने के लिए पत्नी भी साथ आई थी। बच्चे छोटे थे इस कारण तीनों बच्चों को भी अस्पताल ले आया गया था। बच्चों की उम्र पांच साल, तीन साल और 27 दिन थी। अस्पताल में बैड के नीचे ही महेन्द्र की पत्नी अपने तीन बच्चों केा लेकर सो रही थी। इसी दौरान देर रात अस्पताल में कुछ कुत्ते घुसे और 27 दिन के बच्चे को घसीटकर चुपचाप बाहर ले गए।

जब तक मां को समझ आया, सब हुआ खत्म

मां को जैसे ही चेत हुआ वह बाहर दौड़ी, लेकिन तब तक बच्चे सिर, कंधे, पेट और एक - एक हाथ पैर खा चुके थे। मां को सिर्फ एक हाथ और पैर ही मिला। अस्पताल में हंगामा हो गया। उसके बाद पुलिस और अस्पताल प्रबंधन पहुंचा। इस बवाल के बाद अब नर्सिंगकर्मी को निलंबित किया गया। अब पीएमाओ पर भी गाज गिरी है। कलक्टर सिरोही ने महेन्द्र मीणा को भरोसा दिलाया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है।

जानिए क्या होता है एपीओ

एपीओ का पूरा नाम Awaiting posting order है। यह किसी प्रकार की सजा नहीं है बल्कि जब किसी सरकारी कर्मचारी पर काम सहीं से नहीं करने की शिकायत दर्ज होती है तो उसे फिलहाल जहां काम कर रहा है वहां से हटाकर कहीं और पोस्टिंग दी जाती है। इसके दौरान जब तक वह वेटिंग में रहता है तब तक उसे किसी बड़े अधिकारी के अंडर काम करना होता है। जब तक वह किसी नई जगह पर अपनी पोस्टिंग नहीं ले लेता है तब तक वह वहीं काम करता है और ट्रांसफर ऑर्डर आने तक रोज काम करने आना होता है।

इसे भी पढ़े- राजस्थान के सरकारी अस्पताल से रौंगटे खड़े कर देने वाली खबरः पति के इलाज के लिए आई महिला को गवांना पड़ा बच्चा

Share this article
click me!

Latest Videos

राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुई तीखी बहस
पीएम मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मीडिया को संबोधित किया
संभल मस्जिद विवाद: हिंसा के बाद इंटरनेट सेवा पर रोक, स्कूल-कॉलेज बंद
दिल्ली में बुजुर्गों के लिए बड़ी खुशखबरी! AAP ने दिया बहुत बड़ा तोहफा
'चुनाव में उस वक्त ही हार गई थी भाजपा जब...' फिर चर्चा में आई यूपी उपचुनाव की एक घटना #Shorts