खाटूश्याम के भक्तों लिए जरूरी खबर: सितंबर के पहले वीकेंड पर 43 घंटे बंद रहेगा मंदिर

Published : Aug 31, 2025, 10:23 AM IST
khatu shyamji

सार

Baba Khatushyam Mandir : बाबा खाटूश्याम के भक्तों के लिए खबर सामने आई है।  सितंबर के पहले वीकेंड पर 43 घंटे तक मंदिर बंद रहेगा। इसलिए मंदिर समीति ने दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है, इन तरीखों का ध्यान रखें।

Rajasthan News : यदि आप सितंबर महीने के पहले वीकेंड पर बाबा खाटूश्याम के दर्शन करने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है। इस बार सप्ताहांत पर मंदिर प्रबंधन समिति ने विशेष परिस्थितियों के चलते 43 घंटे तक दर्शन बंद रखने का निर्णय लिया है। मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान के अनुसार, 7 सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण और 8 सितंबर को आयोजित होने वाले बाबा श्याम के तिलक महोत्सव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। आदेश के मुताबिक, 6 सितंबर रात 10 बजे से 8 सितंबर शाम 5 बजे तक भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे। इस दौरान किसी भी तरह का सामान्य दर्शन संभव नहीं होगा।

सिंतबर में क्यों बंद रहता है खाटूश्याम मंदिर?

खाटूश्यामजी मंदिर में विशेष अवसरों पर परंपरा के अनुसार बाबा का तिलक किया जाता है। इसके लिए मंदिर को शुद्धिकरण और धार्मिक अनुष्ठानों हेतु कई घंटों तक बंद रखा जाता है। वहीं, ग्रहण के समय भी हिंदू परंपरा के अनुसार मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं। इस बार दोनों आयोजन लगातार आने के कारण भक्तों को दो दिन तक इंतजार करना होगा।

खाटूश्याम श्रद्धालुओं के लिए अपील 

  • मंदिर समिति ने भक्तों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की योजना बनाते समय इस कार्यक्रम का ध्यान रखें। खासकर बाहर से आने वाले श्रद्धालु यदि इस अवधि में पहुंचेंगे तो उन्हें निराशा हाथ लग सकती है। इसलिए भक्त 8 सितंबर शाम 5 बजे के बाद ही यात्रा तय करें।
  • बाबा श्याम की ख्याति राजस्थान के सीकर जिले स्थित खाटूश्याम मंदिर को देशभर में आस्था का केंद्र माना जाता है। मान्यता है कि महाभारत युद्ध में बर्बरीक ने श्रीकृष्ण को अपना सिर दान करने के बाद यह वरदान पाया कि कलियुग में वह श्याम रूप में पूजे जाएंगे। तभी से यहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

खाटूश्याम के भक्तों को क्या करना होगा?

  • यात्रा से पहले मंदिर की आधिकारिक जानकारी चेक करें। 6 से 8 सितंबर तक यात्रा की योजना बनाने वाले भक्त अपनी बुकिंग या कार्यक्रम में बदलाव करें।
  • तिलक महोत्सव और ग्रहण के बाद मंदिर में विशेष सजावट और भजन-कीर्तन का आयोजन होगा। इस तरह भक्तों को थोड़े इंतजार के बाद बाबा श्याम के दर्शन विशेष माहौल में करने का अवसर मिलेगा।

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