
सीकर (राजस्थान)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व इस बार खाटूश्यामजी धाम में अद्भुत छटा बिखेर रहा है। राजस्थान की पावन भूमि पर स्थित यह धाम हर वर्ष जन्माष्टमी पर विशेष श्रद्धा का केंद्र बनता है, लेकिन इस बार उत्सव और भी भव्य है। दूर-दूर से आए लाखों श्याम भक्त बाबा श्याम के दरबार में उमड़े हैं और पूरा कस्बा "जय श्री श्याम" के जयकारों से गूंज रहा है।
जन्माष्टमी पर्व को देखते हुए श्री श्याम मंदिर कमेटी ने भक्तों के स्वागत के लिए खास तैयारियां की हैं। मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया गया है। रात के समय झिलमिलाते दीप और बिजली के झालर मंदिर को किसी दुल्हन की तरह अलंकृत कर रहे हैं। सुरक्षा के मद्देनज़र पुलिस और कमेटी के स्वयंसेवक चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
जन्माष्टमी की रात 12 बजे बाबा श्याम का पंचामृत से शाही अभिषेक होगा। इसके बाद महाआरती का आयोजन किया जाएगा, जिसमें शामिल होने के लिए देश-विदेश से भक्त पहुंचे हैं। महाआरती के बाद विशेष प्रसाद वितरण होगा। मान्यता है कि इस आरती के दर्शन से जीवन के दुख दूर होते हैं और बाबा श्याम की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
धनिए की पंजीरी की परंपरा हर साल की तरह इस बार भी जन्माष्टमी पर धनिए की पंजीरी प्रसाद के रूप में वितरित की जा रही है। मंदिर कमेटी के अनुसार, खाटू और आसपास के 60 से अधिक मंदिरों में यह प्रसाद पहुंचाया गया है। श्रद्धालु इसे बाबा श्याम की कृपा का प्रतीक मानकर ग्रहण करते हैं। साथ ही मंदिर क्षेत्र में पंचामृत और पारंपरिक प्रसाद की दुकानों पर भीड़ लगी हुई है।
इस साल जन्माष्टमी को और खास बनाने के लिए कस्बे के भागचंदका खेल मैदान में द्वितीय श्री श्याम महोत्सव और भजन संध्या का आयोजन भी हो रहा है। इसके लिए विशाल पांडाल तैयार किया गया है। इसमें प्रमुख अतिथियों के साथ नामी भजन गायक अपनी प्रस्तुतियां देंगे। माना जा रहा है कि यह कार्यक्रम हजारों भक्तों के आकर्षण का केंद्र बनेगा।
जन्माष्टमी पर खाटू की गलियां पूरी तरह रोशनी और सजावट से जगमगा रही हैं। होटल, धर्मशालाएं और बाजार भक्तों की आवाजाही से गुलजार हैं। यह अवसर केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक उत्सव का भी रूप ले चुका है, जिसमें हर कोई आस्था और आनंद से सराबोर दिखाई दे रहा है।
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