krishna janmashtami 2025 : श्रीकृष्ण का दुनिया का पहला ऐसा मंदिर, जहां चढ़ता अफीम का प्रसाद

Published : Aug 16, 2025, 08:29 AM IST
Sanwaliya Seth Temple Chittorgarh

सार

krishna janmashtami 2025 : राजस्थान के सांवरिया सेठ मंदिर में भक्त श्रीकृष्ण को अफीम का चढ़ावा अर्पित करते हैं। इस वर्ष भंडार से 58 किलो अफीम जब्त की गई है, जो श्रद्धालुओं ने वर्षों से मंदिर में दान की थी। जन्माष्टमी पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। 

Sanwaliya Seth Temple Chittorgarh : श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भक्ति और आस्था के रंग में डूबा हुआ है, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ का विश्व प्रसिद्ध सांवरिया सेठ मंदिर में कृष्ण के एक झलक पाने के लिए देश भर से लाखों भक्तों की भीड़ जुटी हुई है। इस साल मंदिर एक अलग कारण से भी सुर्खियों में रहा है। यहां चढ़ावे में 58 किलो से ज्यादा अफीम मिलने का मामला सामने आया है, जिसे नारकोटिक्स विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है। दरअसल यह कोई तस्कर या अपराधिक व्यक्ति का कारनामा नहीं है, यह भक्तों की भेंट है, जो सांवरिया सेठ को अर्पित की गई है।

डबल मुनाफे के लिए श्री कृष्ण को चढ़ाते हैं अफीम

सूत्रों के मुताबिक, यह अफीम पिछले कई सालों में भक्तों द्वारा भगवान को अर्पित की गई थी। मेवाड़ और मालवा के किसान, जहां अफीम की खेती होती है, अपनी अच्छी उपज पर कैश के साथ थोड़ा-सा अफीम भी मंदिर में चढ़ाते हैं। मान्यता है कि “जितना चढ़ाओगे, उतना ही भगवान व्यापार और खेती में बरकत देंगे”। यहां तक कि कुछ व्यापारी और किसान अपने मुनाफे का निश्चित हिस्सा ‘सांवरिया सेठ’ के नाम लिखते हैं।

भक्तों को बांटा जाता है अफीम का प्रसाद

कभी यह अफीम मंदिर के पुजारियों द्वारा खुद इस्तेमाल की जाती थी और विशेष भक्तों को ‘प्रसाद’ के रूप में भी दी जाती थी। लेकिन कुछ सालों से मंदिर प्रशासन ने इसे तहखाने में जमा करना शुरू किया। हाल ही में एक शिकायत के बाद नारकोटिक्स विभाग ने तहखाना खोलकर अफीम का वजन किया, जो 58 किलो से ज्यादा निकली। अधिकारियों के अनुसार, अब भविष्य में चतुर्दशी पर मंदिर में चढ़ने वाली अफीम का वजन पुलिस निगरानी में किया जाएगा और उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत जमा कराया जाएगा।

सांवलिया सेठ का करोड़ों में होता है चढ़ावा

सांवलिया का मंदिर अफीम के कारण ही नहीं, एक अन्य कारण भी हर महीने चर्चा में आता है और वह है भारी भरकम चढ़ावा। सांवरिया सेठ मंदिर का चढ़ावा देशभर में चर्चा का विषय रहता है। यहां हर महीने औसतन 18–20 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है, जिसमें नकद, सोना और चांदी शामिल होते हैं। इस साल शुरुआती 7 महीने में ही करीब डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा चढ़ावा आया है।

कहां है सांवलिया सेठ मंदिर?

चित्तौड़गढ़-उदयपुर हाईवे से करीब 40 किलोमीटर दूर भडसौदा गांव में स्थित यह मंदिर श्रीकृष्ण के श्रीनाथ रूप को समर्पित है। जन्माष्टमी के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस बार, भक्ति के साथ-साथ मंदिर में चढ़ावे के इस अनोखे और विवादित पहलू की भी चर्चा हर ओर है।

सांवलिया सेठ हर मनोकामना करते हैं पूरी

कहते हैं, सांवरिया सेठ सिर्फ भक्तों की मनोकामनाएं ही पूरी नहीं करते, बल्कि उनके व्यापार और फसलों में भी भरपूर बरकत देते हैं—चाहे चढ़ावा ‘सोना’ हो या ‘काली सोना’ यानी अफीम।

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