
जयपुर. आज सबके पास स्मार्टफोन है। स्मार्टफोन (smart fone) में यूट्यूब (YouTube)पर आप दिन में कुछ ना कुछ सर्च जरूर करते हैं। कई बार सर्च कुछ और करते हैं लेकिन रिजल्ट सामने कुछ अलग ही आता है। कुछ ऐसा ही राजस्थान (Rajasthan) के किशनगढ़ (Kishangarh News) रेनवाल के रहने वाले नरेंद्र सिंह के साथ हुआ। आज गलत सर्चिंग की वजह से वह राजस्थान में पर्ल फार्मिंग के मामले में मशहूर है। 2015 से सुबह मोती की खेती (Pearl Farming) कर रहे हैं।
नरेंद्र सिंह का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। परिवार के लोग हमेशा से खेती पर ही निर्भर रहे। लेकिन जब नरेंद्र बड़े हुए तो परिवार के पास खेती के लिए पर्याप्त जमीन नहीं थी। ग्रेजुएशन करने के बाद नरेंद्र ने एक स्टेशनरी आइटम की दुकान खोली जिससे वह अपना घर चलाने लगे। करीब 8 साल तक उन्होंने दुकान का संचालन किया।लेकिन इसी बीच दुकान मालिक ने दुकान खाली करने को कह दिया। इसके बाद नरेंद्र ने दूसरी जगह दुकान खोली लेकिन वहां ज्यादा इनकम नहीं हुई और नरेंद्र को करीब 5 लाख का नुकसान भी हो गया। हालांकि इस दौरान इनकी पत्नी सिलाई का काम करती थी जिससे उनका घर चल जाता था।
नरेंद्र ने कहा कि उन्होंने यूट्यूब पर एक बार फार्मिंग के वीडियो देखें। इसी दौरान उन्हें पर्ल फार्मिंग(मोतियों की खेती) के वीडियो दिखे। तब से नरेंद्र ने सोच लिया था कि अब उसे मोतियों की ही खेती करनी है। सबसे पहले नरेंद्र ने 100 सीप खरीदे, लेकिन सही देखभाल नहीं होने के चलते करीब 35 सीप ही बचे। इससे उन्हें करीब 50 हजार रुपए का नुकसान हुआ। इसके बाद नरेंद्र ने मोतियों की खेती करना पूरी तरह से सीख लिया। एक सीप को उन्होंने 200 से 400 रुपए में बेचा। नरेंद्र का बिजनेस बढ़ता गया और उनके लाखों रुपए की कमाई होना शुरू हो गई। अब नरेंद्र खुद भी इस खेती की दूसरे लोगों को ट्रेनिंग देते हैं।
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