राजस्थान का मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भूत-प्रेतों का कोर्ट माना जाता है, जहां विशेष अर्जी से ऊपरी साया उतारा जाता है। जानें, मेहंदीपुर मेले की खासियत और काली मंदिर में लगे तालों की मान्यता।
मेंहदीपुर बालाजी। राजस्थान का मेहंदीपुर बालाजी पूरे देश में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि लोगों के ऊपर से भूत प्रेत के साए को उतारने के लिए अर्जी लगाई जाती है। इतना ही नहीं इस मंदिर को भूत प्रेत का कोर्ट कहा जाता है। जहां भूत प्रेत पेश होते हैं और फिर बालाजी खुद फैसला सुनाते हैं।
यदि बात करें मेहंदीपुर बालाजी की राजधानी जयपुर से करीब 100 किलोमीटर और देश की राजधानी नई दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर नेशनल हाईवे से 3 किलोमीटर अंदर स्थित है। इस पूरे कस्बे का नाम है मेहंदीपुर है। यहां केवल मंगलवार ही नहीं बल्कि हमेशा हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि जब भी किसी के ऊपर भूत प्रेत का साया होता है तो उसे मंदिर में लाया जाता है। मंदिर से कुछ दूरी पर ही वह शख्स अजीब हरकतें करने लगता है क्योंकि वह नहीं चाहता कि उसकी मंदिर में पेशी हो। लेकिन लोग उसे पड़कर मंदिर की चौखट पर ले आते हैं। मंदिर की चौखट पर आने के बाद वह अपने आप ही कंट्रोल में आ जाता है।
यदि हम इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं तो देखते हैं कि यहां पर कई महिलाएं और पुरुष चीखते और चिल्लाते हुए नजर आएंगे क्योंकि उन पर भूत प्रेत का साया रहता है। इसी मंदिर के दूसरे हिस्से में एक भैरव बाबा का मंदिर भी है। जहां पर भैरव बाबा को सर आपकी बोतल चढ़ा कर और सिगरेट जलाकर प्रसन्न किया जाता है।
वहीं इसी मंदिर के नजदीक काली माता का छोटा मंदिर है। जहां पर आपको खूब सारे ताले लटके हुए नजर आएंगे। मान्यता है कि जब कोई भूत प्रेत के साए से परेशान हो तो वह यह मन्नत मांग कर ताला बंद कर जाते हैं तो उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है।
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