हर स्टूटेंड चाहता है कि वह जेईई और यूपीएससी जैसी टॉप परीक्षाएं पास करें। लेकिन सैंकड़ों छात्र आवेदन करते हैं तो सिर्फ एक ही पास होता है। जानिए क्या है इसकी वजह और बच्चों पर क्या रहता है प्रेशर…
कोटा. जेईई और यूपीएससी इन दोनों परीक्षाओं को केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे भारत में सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि इन परीक्षाओं में शामिल तो लाखों अभ्यर्थी होते हैं लेकिन पास केवल महज सैंकड़ों के आसपास। क्या आप जानते हैं कि जेईई एडवांस की सक्सेस रेट 6% है यानि यदि 1 लाख कैंडीडेट्स इस परीक्षा में शामिल होते हैं तो उनमें से केवल 6000 के करीब ही पास हो पाते हैं।
800 पदों के लिए औसत 10 लाख आवेदन
अब बात करते हैं जेईई मेन की जिसमें भी हर साल केवल 30 से 35000 स्टूडेंट की ही काउंसलिंग होती है। इसके साथ ही हर साल देश में मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यानि नीट के लिए 20 लाख अभ्यर्थी आवेदन करते हैं। तो उसमें से मेडिकल कॉलेज में एंट्रेंस केवल एक लाख को ही मिल पाता है। इसी तरह यूपीएससी के एग्जाम में केवल 800 पदों के लिए औसत 10 लाख आवेदन आते हैं।
जानिए क्या कहते हैं एग्जाम को लेकर विशेषज्ञ
आईआईटी की पीजी स्ट्रीम में एंट्रेंस के लिए होने वाले गेट एग्जाम का रिजल्ट इन सभी परीक्षाओं में ज्यादा होता है। इसका रिजल्ट 23 फीसदी तक रहता है। विशेषज्ञों की इस बारे में राय है कि एग्जाम चाहे कोई भी हो जब तक स्टूडेंट की इच्छा शक्ति नहीं होगी तब तक वह किसी को भी पास नहीं कर पाएगा और यदि उसकी इच्छा शक्ति होती है तो वह बिना सुविधाओं के भी टॉप कर जाता है।