एक पिता ने अपने दो बेटों को काबिल बनाने के लिए दिन रात सिलाई का काम किया लेकिन उनकी पढ़ाई रुकने नहीं दी। भाईयों ने भी अपने पिता की इस मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया और बिना कोचिंग किए अपनी स्टडी के दम पर आईपीएस की एग्जाम पास की।
झुंझुनू (Jhunjhunu news). हमने आईएएस और आईपीएस के संघर्ष की कहानियां तो कई सारी पढ़ी होगी। कोई आईएएस आईपीएस बनने के लिए सालों तक फोन नहीं चलाता है तो कोई अपने घर नहीं जाता। लेकिन राजस्थान के 2 सगे आईपीएस भाइयों के संघर्ष की कहानी ऐसी है कि वह आपको रुला देगी। जिनके पिता ने न केवल कपड़े सिल कर अपने दोनों बेटों को पढ़ाया बल्कि उन्हें आज आईपीएस बना दिया। आज पूरे देश में उनके चर्चे हो रहे हैं।
बेटों को पढ़ाने के लिए पिता ने किया दिनरात टेलरिंग का काम
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के झुंझुनू जिले के रहने वाले अमित कुमावत और पंकज कुमावत की। जिनके पिता सुभाष कुमावत हमेशा से दर्जी का काम करते थे। गांव में ही एक छोटी सी दुकान थी जहां वह लोगों से आर्डर लेकर कपड़े तैयार करते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं थी कि दोनों पर ज्यादा पैसा लगाया जा सके। लेकिन दोनों बेटों ने अपने परिवार की हालत देखी और दिन रात मेहनत करना शुरू कर दिया।
बिना कोचिंग ही दोनों भाइयों ने पास की आईपीएस की एग्जाम
दोनों भाइयों ने आईपीएस परीक्षा पास की। जिसमें पंकज को 446 वी रैंक और अमित को 600 वी ड्रिंक मिली। सब सब की बात तो यह है कि दोनों ने यह परीक्षा पास करने के लिए किसी भी तरह की कोई कोचिंग तक नहीं की। दोनों भाइयों ने 12वीं तक की पढ़ाई अपने आसपास की स्कूलों में पूरी की।
पिता की मेहनत और घर के हालात ने किया मोटिवेट
दोनों आईपीएस इस बारे में बताते हैं कि उन्होंने हमेशा से परिवार की आर्थिक हालत देखी थी तो ठान लिया था कि कुछ भी हो परिवार के लोगों को अब और ज्यादा साल इस तरह की जिंदगी नहीं जीने देंगे बस उसी दिन से इसके लिए मेहनत शुरू कर दी। वहीं इनके पिता सुभाष का कहना है कि उन्हें विश्वास नहीं था कि उनके बेटे 1 दिन इस काबिल बनेंगे आज उनका देश में हर जगह नाम हो रहा है।
इसे भी पढ़ें- Women's Day: पिता को कैंसर था फिर भी बेटी करती रही UPSC की पढ़ाई, रितिका कड़ी मेहनत से बनीं IAS