
जयपुर. साल 2022 का मार्च महीने का दिन था। बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक घोषणा की कि राजस्थान में मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना के तहत प्रदेश की करीब 1.35 करोड़ महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन बांटे जाएंगे। जिनमें 3 साल तक फ्री इंटरनेट का कनेक्शन भी होगा। घोषणा का नतीजा राजस्थान में यह निकला कि एक बार पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुड गवर्नेंस के चर्चे होने लगे।
अभी तक सरकार ने ऑर्डर तक नहीं दिया
लेकिन पूरा एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार अपने इस घोषणा पर खरी उतर नहीं पाई। सरकार ने अभी तक स्मार्टफोन की खरीद नहीं की है। हाल ही में बजट सत्र से पहले जब सीएम ने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को और कार्यकर्ताओं को फील्ड में करने के निर्देश दिए तो लोगों ने उन्हें खूब उलाहने ने दिए कि अभी तक मोबाइल नही मिले है। यदि मोबाइल मिल जाते तो हर घर तक पार्टी कार्यकर्ताओं की पकड़ बन जाती। और वोटरों तक सीधा मैसेज जाता। हालांकि फील्ड से आने के बाद प्रभारी मंत्री ने सीएम को इससे अवगत भी करवाया लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
जानिए आ रही क्या परेशानी
वही इस बारे में पार्टी के नेताओं और मंत्रियों का कहना है कि यह एक बहुत बड़ी योजना है जिसे पूरा होने में काफी समय लगेगा। जल्द ही इसे पूरा कर लेंगे जैसे चिरंजीवी योजना को पूरे देश में एक समान लागू किया था। वही उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी का कहना है कि मोबाइल की किसी चिप को लेकर दिक्कत आ रही है। जो जल्द ही पूरी हो जाएगी।
सरकार इस योजना पर खर्च कर रही 3000 करोड़
आपको बता दें कि इस योजना के तहत हर चिरंजीवी रजिस्टर्ड परिवार को महिला के नाम से एक बार फोन मिलता। सरकार की इस योजना की कीमत करीब 3000 करोड रुपए से ज्यादा थी। लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने न तो कोई फोन खरीदा और ना ही इंटरनेट के लिए किसी कंपनी से टाई अप किया। बरहाल अब देखना होगा कि राजस्थान में पूरी तरह से यह योजना कब तक लागू हो पाती है।
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