वंशवाद और परिवारवाद पर राजनीतिक दलों ने खूब दिए भाषण, चुनाव में टिकट बांटने के समय सब भूले, इन्हें बनाया प्रत्याशी

Published : Oct 25, 2023, 02:05 PM IST
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सार

परिवारवाद और वंशवाद को खत्म करने का दावा करने वाली पार्टियों ने चुनाव के समय खुद ही वंशवाद और परिवारवाद का ख्याल नहीं रखा। एक ही परिवार में बांट दिए कई टिकट।  

जयपुर। राजस्थान में चुनाव होने वाले हैं और दोनों बड़ी पार्टियां इसके लिए तैयारी कर रही हैं। चुनावी दौर में सभी दलों पर हमेशा वंशवाद और परिवारवाद के आधार पर टिकट बांटने के आरोप लगाए जाते हैं। हालांकि पार्टी इसे हमेशा नकारती है और कहती है कि वह केवल काम करने वाले कार्यकर्ता और नेता को ही टिकट देती है। लेकिन कोई भी ऐसी सरकार नहीं है जिसमें बिना वंशवाद और परिवारवाद के सत्ता हासिल की हो।

भाजपा में टिकट वितरण में दिखा परिवारवाद
इस चुनाव में भाजपा से टिकट वितरण की बात करें तो देवली उनियारा विधानसभा सीट से विजय बैंसला को टिकट दिया है जो पूर्व सांसद प्रत्याशी किरोड़ी के बेटे हैं। इसी तरह दीया कुमारी पूर्व सांसद गायत्री देवी की बेटी हैं जिन्हें विद्याधर नगर से टिकट मिला है। सिद्धि कुमारी के दादा करणी सिंह भी सांसद रहे हैं। झाबर सिंह खर्रा के पिता हरलाल सिंह चार बार विधायक रह चुके हैं।

इसके साथ ही मनजीत चौधरी के पिता धर्मपाल चौधरी भी पूर्व विधायक थे। शैलेश सिंह के पिता पूर्व मंत्री रह चुके हैं। रामस्वरूप लांबा के पिता पूर्व मंत्री और सांसद सांवरलाल जाट है। नागौर से विधायक प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के दादा नाथूराम सांसद रह चुके हैं। कन्हैया लाल मीणा के पिता गौतम लाल मीणा भी विधायक रह चुके हैं। दीप्ति माहेश्वरी की मां किरण माहेश्वरी खुद मंत्री रह चुकी हैं। वहीं मकराना से प्रत्याशी सुनीता पूर्व विधायक श्रीराम की पुत्रवधू हैं। इन सभी को इस बार टिकट दिया गया है।

कांग्रेस में एक ही परिवार के लोगों को टिकट वितरण के कई उदाहरण इसी तरह कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की पत्नी सुशीला को उम्मीदवार बनाया है। सरदारशहर से पूर्व विधायक भंवरलाल के बेटे अनिल को टिकट मिला। इसी तरह झुंझुनू से पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के बेटे बृजेंद्र ओला को टिकट दिया गया। रामगढ़ में जुबेर खान को टिकट दिया गया है जिनकी पत्नी सफिया को पिछली बार टिकट मिला था। मेवाराम जैन तीन बार विधायक रह चुके बिरदीचंद के रिश्तेदार हैं। सुजानगढ़ से मनोज पूर्व मंत्री भवन लाल के बेटे हैं। वहीं मंडावा सीट से रीटा चौधरी को टिकट मिला है जो छह बार जीत चुके रामनारायण चौधरी की बेटी है।

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सचिन पायलट के पिता और माता भी रहे मंत्री-विधायक
सवाई माधोपुर से दानिश अबरार को टिकट मिला है जो पूर्व राज्यसभा सांसद अबरार अहमद के बेटे हैं और सचिन पायलट पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट के बेटे हैं और उनकी मां रमा भी विधायक और सांसद के पद पर रह चुकी हैं। डेगाना से विजयपाल पूर्व विधायक रिछपाल के बेटे हैं। दिव्या मदेरणा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की पोती और पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की बेटी है। महेंद्र बिश्नोई पूर्व मंत्री राम सिंह बिश्नोई के पोते और पूर्व विधायक के मलखान की बेटे हैं। प्रीति शक्तावत पूर्व मंत्री गुलाब सिंह शक्तावत की पुत्रवधू और पूर्व विधायक गजेंद्र की पत्नी है। विवेक धाकड़ तीन बार प्रत्याशी रहे कन्हैया लाल के बेटे हैं और रोहित बोहरा पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह के बेटे हैं।

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